जब DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने चलाई चक्की, खायी नमक-रोटी और हरी मिर्च

कमर में गमछा बांधे, देसी चक्की चलाते, नमक-रोटी के साथ मिर्च का नाश्ता करते, वर्दी की जगह टी-शर्ट और एकदम देसी लुक… पहचाना ? बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय हैं। अपने अनोखे अंदाज के लिए सुर्खियों में रहने वाले डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने फिर एक बार फिर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया, जब बेतिया पहुंचकर उन्होंने ‘जाता’ चलाया और गांवों में घूमकर नमक-रोटी और हरी मिर्च खाई।

डीजीपी ने खाया नमक-रोटी और हरी मिर्च

सोमवार को डीजीपी साहब बेतिया पहुंचे थे, लेकिन किसी को खबर नहीं। खबर होती भी कैसे, इनका अंदाज जो निराला था। सुबह में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक तो की, लेकिन बिना लश्कर और कारवां के निकल पड़े कटरा गांव के ग्रामीणों से मिलने। उनका हालचाल जानने, एकदम गंवई अंदाज में । घूमते-घूमते ग्रामीण हरि नारायण के दरवाजे तक पहुंचे। दरवाजे पर खड़ी थी चंपा देवी। उनसे घर में बने भोजन के बारे में पूछा। घर में नमक-रोटी और मिर्च थी, जिसे खाने का डीजीपी साहब ने आनंद उठाया।

डीजीपी भ्रमण के दौरान शहर भी पहुंचे। जहां कोरोना से बचने के लिए मास्क की अनिवार्यता को बताया। चौक-चौराहों पर जाकर देह की दूरी बनाये रखने के लिए भी लोगों को जागरूक किया।

गांव ऐसा जहां कोई मुकदमा नहीं

डीजीपी सहोदरा थाने के जिस कटरा गांव का भ्रमण कर रहे थे, उसकी खासियत भी आपको जाननी चाहिए। आपको बता दें कि देश की आजादी के बाद से यहां का कोई व्यक्ति मुकदमा दर्ज कराने थाना नहीं गया है। हर तरह के विवाद को लोग आपस में हीं बैठकर सुलझा लेते हैं। उन्होंने इस गांव की भूरी-भूरी प्रशंसा की और लोगों के बीच इसका मिसाल पेश किया।

अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं डीजीपी

आपको बताते चलें कि डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं। आधी रात में थानों का निरीक्षण, अफसरों को कभी-भी फोन घूमाना, धरातल पर जाकर हालात का जायजा लेना, जनता से सीधी बात-चीत इनके लिए साधारण बात है। उनके इस तरह के कार्यां की लोग भी खूब प्रशंसा करते हैं।