आदर्श चुनाव संहिता में ये न करें नेताजी, नहीं तो भुगतना पड़ेगा अंजाम

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू है। इसके तहत अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों के लिए क्या करें और क्या ना करें संबंधी आवश्यक जानकारी अपेक्षित है।

क्या न करें

  • मतदाताओं को वित्तीय या अन्य को प्रलोभन न दिया जाए।
  • मतदाताओं की जाति/ सांप्रदायिक भावनाओं की सहायता नहीं ली जाएगी।
  • ऐसी कोई गतिविधि करने का प्रयास नहीं किया जाएगा जिससे विभिन्न जातियों, समुदायों, धर्म या भाषाई समूह के मध्य विद्यमान मतभेद बदतर हो या पारंपरिक द्वेष पैदा या तनाव पैदा हो।
  • निजी जीवन के किसी भी पहलू जो अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा ना हो, की आलोचना करने की अनुमति नहीं होगी।
  • अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों या मिथ्या कथनों के आधार पर नहीं की जाएगी।
  • मंदिर, मस्जिद ,चर्च, गुरुद्वारा या पूजा के किसी भी स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाएगा।
  • भ्रष्ट आचरण वाले कार्यकलाप या निर्वाचन अपराध जैसे घूसखोरी, मतदाताओं को डराना धमकाना, प्रतिरूपण, मतदान केंद्र से 100 मीटर के भीतर प्रचार करना, मतदान समाप्त होने के निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं का आयोजन करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाना और वापस लाना निषिद्ध है।
  • स्थानीय विधियो के अधीन ,कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति की अनुमति (जिसे जिला निर्वाचन पदाधिकारी को दिखाना होगा और उसके पास जमा करना होगा) के बिना उसकी जमीन, भवन ,परिसर की दीवार ,वाहनों इत्यादि का उपयोग झंडा लगाने, बैनर लगाने, सूचना चिपकाने या नारा लिखने के लिए नहीं कर सकता है।
  • दूसरे राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों की सार्वजनिक सभा या जुलूस में कोई बाधा उत्पन्न नहीं की जाएगी।उन स्थानों के करीब में जुलूस नहीं निकाले जाएंगे जहां अन्य दल सभाएं आयोजित कर रहे हो। जुलूस में शामिल व्यक्ति अपने पास कोई ऐसी वस्तु नहीं रखेंगे जिसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
  • दूसरे दलों और अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों को हटाया या विरुपित नहीं किया जाएगा।
  • पोस्टर ,झंडे या प्रतीक या प्रचार की कोई अन्य सामग्री उन स्थानों पर या मतदान बूथों के निकट प्रदर्शित नहीं की जाएगी जिनका उपयोग मतदान के दिन पहचान पर्चियों के वितरण के लिए किया जाएगा।
  • स्थिर या चलती वाहनों पर लगे लाउडस्पीकर का उपयोग सुबह 6ः00 बजे से पहले या रात के 10ः00 बजे के बाद और संबंधित पदाधिकारियों से पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना नहीं किया जाएगा।

क्या करें

  • जारी कार्यक्रम, जो निर्वाचन की घोषणा से पहले क्षेत्र में आरंभ हो चुके हो जारी रह सकते हैं।
  • बाढ़, सूखा ,महामारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत और पुनर्वास कार्य आरंभ हो सकते हैं और जारी रखे जा सकते हैं।
  • मरणासन्न या गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नकद या चिकित्सीय सुविधाओं की मंजूरी उचित अनुमोदन के साथ जारी रह सकती है।
  • हर व्यक्ति के शांतिपूर्ण और और व्यवधान रहित घरेलू जीवन के अधिकार की पूर्ण रूप से रक्षा की जानी चाहिए।
  • अन्य राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों की आलोचना उनकी नीतियों, योजनाओं, विगत रिकॉर्ड और कार्य से संबंधित होनी चाहिए।
  • शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्वाचन अधिकारियों को हर समय सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए।
  • सभी कार्यकर्ताओं को अपना बैज या पहचान पत्र अवश्य प्रदर्शित करना चाहिए।
  • अभियान अवधि के दौरान और मतदान के दिन वाहनों को चलाने पर प्रतिबंधों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।