क्यों महिलाओं पर एसिड अटैक के मामलों में लगातार हो रही है बढ़ोतरी, प्रशासन को इस विषय पर सख्ती करने की है जरूरत…….

नफरत ही बढ़िया है छलावे के प्यार से… वक्त के साथ केवल इंसान या समाज में ही बदलाव नहीं आया है। आज प्रेम , अपनापन जैसे भावनाएं भी वक्त की मार से परिवर्तित नजर आ रहे है। प्रेम जिसका अर्थ होता है समर्पण पर आज प्रेम शब्द का अर्थ केवल पाने तक ही संकुचित रह गया है। वास्तविक प्रेम हमें त्याग सिखाता है पर आज के समाज में जिस प्रेम को हम देखते हैं उसमें खुद को श्रेष्ठ साबित करने की भावना नजर आती है और हद तो तब हो जाती है जब प्यार का नाम लेकर आज के समाज के लोग कुछ ऐसा कर जाते हैं जो सिर्फ प्रेम को ही नहीं पूरी इंसानियत को शर्मसार करती है। ऐसी ही एक घटना आरा के भोजपुर से आई है। आरा के भोजपुर में एकतरफा प्यार में पागल युवक ने लड़की पर तेजाब फेंक दिया है। जानकारी के अनुसार, घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गंगहर गांव में रात को घटित हुई। यहां एक तरफा प्रेमी ने अपनी कथित प्रेमिका के घर में घुसकर उसपर तेजाब फेंक दिया। घटना के समय युवती छत पर सो रही थी। सनकी तेजाब फेंकने के बाद मौके से फरार हो गया। वहीं युवती को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

इससे पहले शनिवार को राजधानी पटना में जमीनी विवाद में महिला पर तेजाब से हमला किया गया था। हादसे में महिला का कमर से नीचे का भाग झुलस गया था। पीड़िता की पहचान 35 साल की रूबी देवी के तौर पर हुई है। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि पड़ोसी संजीत शुक्रवार रात अपने साथी के साथ बाइक पर सवार होकर आया। दोनों ने उसके साथ गाली-गलौच की और फिर बात में उलझाकर उसपर एसिड फेंक दिया। वह पीछे हटी लेकिन तेजाब कमर से नीचे पैर तक गिर गया। दोनों तेजाब फेंककर फरार हो गए। परिजन महिला को अस्पताल लेकर पहुंचे।

वहीं मुजफ्फरपुर में रात के अंधेरे में बदमाशों ने एक लड़की के शरीर पर तेजाब फेंका और फिर फरार हो गए। पीड़िता घटना के समय अपने कमरे में अकेली सो रही थी। अज्ञात बदमाश रात के अंधेरे में आए और उसपर तेजाब फेंककर चले गए। इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई। किशोरी के चिल्लाने पर बगल के कमरे में सो रही दादी की नींद टूटी। दादी ने कमरे में आकर देखा तो युवती दर्द से तड़प रही थी। पीड़िता की आवाज सुनकर बगल के कमरे से पिता और भाई बी पहुंचे। परिजनों ने आनन-फानन में उसे एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया।

यह तो एसिड अटैक के कुछ मामले हैं जिनका उदाहरण आज मैने आपके समक्ष रखा लेकिन ऐसे ना जाने कितने मामले भी होंगे जिनकी हमे जानकारी तक नहीं हो पाती है। अगर भारत सरकार के आंकड़े की बात करे तो पूरे भारत में प्रति वर्ष 250 एसिड अटैक के मामले सामने आते हैं। यानी प्रत्येक महीने 20 एसिड अटैक के मामले। को कतई भी मानवीयता के लिए अच्छा स्थिति बयां नहीं करते हैं।