लड़ाई घर बचाने की…किसी तरह रहने को एक आशियां मिला, इससे बेदखल हो जायेंगे तो कहा जायेंगे सर…….

पटना में राजीव नगर आवास बोर्ड मामले में आज दिलचस्प मंजर देखने को मिला, लोगों को आवास से हटाने के लिए दिए गए नोटिस के विरोध में आज रविवार को गुस्साए लोग बिहार के डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद के सरकारी बंगले पांच देश रत्न मार्ग पहुंच कर धरने पर बैठ गए। लोगो की यह संख्या 300 से ज्यादा थी। बिहार के डिप्टी सीएम तरकिशोर प्रसाद के घर के बाहर लोग सुबह 9 से पहले से ही पहुंच गए थे। डिप्टी सीएम के घर के बाहर पहुंचे लोग उनके घर के बाहर एक सुर में नारे भी लगा रहे थे।

यह है पूरा मामला
राजीव नगर के 1024.52 एकड़ में जिला प्रशासन की ओर से 90 घरों को तोड़ने का नोटिस भेजा गया था। जिसमें सीओ के माध्यम से यह कहा गया था कि 23 मई को नेपाली नगर के लोग सीओ कोर्ट में आकर अपना पक्ष रखे। जिसके बाद से अभी तक तीन सुनवाई हो चुकी है। लेकिन 20 जून को दोबारा से सीओ ने नोटिस जारी कर यह कहा है कि नेपाली नगर में 20 एकड़ जमीन में बसे सभी लोग एक सप्ताह में जगह खुद खाली कर दें। वरना बलपूर्वक हटा दिया जायेगा। इस नोटिस के बाद राजीव नगर के लोगों में आवास बोर्ड की नीति और सीओ के फैसला पर गुस्सा है।

सरकार की ओर से दिया गया था घर खाली करने का नोटिस
राजीव नगर के लोगों को सरकार ने नोटिस जारी कर घर खाली करने को कहा गया है। लेकिन यहां के निवासियों का कहना है की जब हम अपनी मेहनत की कमाई से घर बना रहे थे तब प्रशासन कहां थी। अब हम घर खाली कर कहां जाएंगे। लोगों का कहना है की जब से नोटिस मिला है चिंता से लोगों की नींद उड़ी हुई है। कई लोगों के घर पर खाना तक नहीं बन रहा है। हमें समझ नहीं आ रहा की अब क्या करें ऐसे में हम अपनी सरकार से उम्मीद लगा रहे हैं कि वह हमारे साथ न्याय करेगी।

जमीन खरीदने के लिए पूरी की थी प्रक्रिया
धरना पर बैठे लोगों का कहना है की यहां के सीओ द्वारा मनमानी की जा रही। शायद ही ऐसा कभी सुना गया होगा की 50 साल पहले अधिग्रहण की गई जमीन का आज तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया। कई सालों बाद अचानक कह दिया जाता है कि यह जमीन हमारी है। जबकि इस जमीन को खरीदने के लिए हम लोगों ने सारी सरकारी प्रक्रिया पूरी की थी। तब न तो आवास बोर्ड ने आपत्ति जताई और न ही जिला प्रशासन को यह गलत नजर आया। जब यहां कई घर बन गए तो अब उन्हें अवैध बताकर खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।