स्वतंत्रता दिवस पर कोरोना योद्धाओं को भी निमंत्रण, गृह मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइंस, राज्यों को ज्यादा भीड़ नहीं लगाने का निर्देश

देश में 74 साल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिल्ली के लालकिले में बहुत कम ही लोग शामिल होंगे। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस बार स्कूल के बच्चों को नहीं बुलाया जाएगा। इसके अलावा कोरोना वायरस से लड़ते हुए अपनी सेवा देने वाले डॉक्टर, अस्पताल कर्मचारी, सैनिटेशन कर्मचारी और कोरोना से ठीक होने वाले कुछ मरीजों को बुलाया जाएगा।

स्वतंत्रता दिवस पर ज्यादा भीड़ नहीं लगाने का आदेश

गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विस्तृत एडवाइजरी जारी कर दी गई है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि उत्सव मनाने के लिए राज्य तकनीकी का इस्तेमाल करें और ज्यादा भीड़ लगाने से बचें। अधिकारियों ने बताया कि इस दिन प्रधानमंत्री मोदी लाल किले से झंरा फहराएंगे और उसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। उत्सव में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में कमी कर दी है और जिन लोगों को बुलाया जाएगा वो दूरी बनाकर बैठेंगे। केंद्र ने सभी राज्यों से बोला है कि वो अलग-अलग माध्यमों से केंद्र की आत्मनिर्भर स्कीम प्रोत्साहित करें।

कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन होगा

गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक लाल किले और अन्य राज्यों में होने वाले कार्यक्रम में लोगों की कमी होने की वजह से उन्हें वेब कास्ट किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सके। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी के मुताबिक दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम में लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी को सेना और दिल्ली पुलिस गार्ड ऑफ ऑनर करेंगे। राष्ट्रगान के साथ झंडा लहाराय जाएगा और 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी का भाषण रहेगा और तिरंगे वाले गुब्बारे छोड़े जाएंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, सैनिटाइजेशन, कमजोर लोगों की रक्षा और दूसरी कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा।

राज्यों के गाइडलाइंस कुछ इस तरह हैं, माननीय मुख्यमंत्री झंडा लहराएंगे, राष्ट्रगान बजेगा, पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, होम गार्ड्स, एनसीसी की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री का भाषण और उसके बाद राष्ट्रगान गाया जाएगा। गृह मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया है कि कोरोना वॉरियर्स जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मचारी, सैनिटेशन कर्मचारी को उत्सव में बुलाया जाएगा। कोरोना से ठीक होने वाले कुछ मरीजों को भी उत्सव में बुलाया जाएगा। पुलिस, सेना बैंड के कार्यक्रम को रिकॉर्ड कर बड़ी स्क्रीन, डिजिटल मीडिया या सोशल मीडिया पर साझा किया जाएगा।