करोड़ों रुपये के सृजन घोटाले के मास्टरमाइंड एनए वर्गीज राजू को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। वे एनवी राजू के नाम से भागलपुर में चर्चित हैं। उसका प्रतिष्ठान शहर के कचहरी चौक पर भी था। वैसे उसके अन्य व्यवसाय के बारे में अब तक पूरा खुलासा नहीं हो सका है। एनवी राजू सालों से फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे सीबीआई के विशेष जज गीता गुप्ता की अदालत में गुरुवार को पेश किया गया, जहां से अदालत ने उसे दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया है।
सृजन घोटाले का उक्त मामला सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को दर्ज किया था। जांच में पाया था कि अक्तूबर 2009 में घोटाले के सभी अभियुक्तों ने आपसी षड्यंत्र करके तीन चेकों पर भागलपुर के डीएम का फर्जी हस्ताक्षर कर 15 करोड़ की अवैध निकासी कर सृजन के खाते में स्थानांतरित कर रुपयों की बंदरबांट की और, उन चेकों पर हस्ताक्षर एनवी राजू द्वारा किये जाने की जानकारी भी सामने आयी। इस मामले में सीबीआई ने कुल 12 अभियुक्तों के खिलाफ 28 जून 2019 को भादवि व भ्रष्टाचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल की थी।
सूत्रों ने बताया कि एक बैंक में सृजन का एक खाता 2009 में खुला। खाता खुलने के बाद से ही कइयों को ऋण दिये गये। 2009 में ही यहां के कलिंगा सेल्स के कारोबारी एनवी राजू को एक बार में 25 लाख रुपये दिये गये। कलिंगा के प्रोपराइटर एनवी राजू ने सृजन से ऋण लेने की बात स्वीकारी थी, लेकिन कहा था कि उसे समय से चुका भी दिया. सृजन एक बैंक भी है, इसलिए वहां से ऋण लिया था।
सृजन घोटाला मामले में कल्याण विभाग की राशि वापस करने का निर्देश नीलाम पत्र पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त ने बैंक ऑफ इंडिया की सबौर शाखा को दिया है। यह राशि जिला कल्याण शाखा के बैंक खाते से गायब हो गयी थी। सृजन घोटाले में गये 14.79 करोड़ रुपये की वसूली के लिए जिला कल्याण शाखा ने नीलाम पत्र वाद दायर किया था।
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