मास्क की किल्लतों के बीच झारखंड के आदिवासियों ने पहना पत्ते का मास्क

 

  • विवेक चन्द्र-

कोरोना का प्रभाव भारत के हर हिस्से में बढ़ता जा रहा है। देश को लॉक डाउन किया गया है। बाजार में मास्क और सेनेटाईजर की काफी कमी हो गई है।ऐसे में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम इलाके के सारंडा जंगल में रहने वाले आदिवासियों ने पत्तों का अनोखा मास्क बनाया है। मास्क बनाने के लिये इन्होने जंगल में मिलने वाले सखुआ के पत्तों का इस्तेमाल किया है। ग्रामीणों का कहना है कि पत्ते का यह मास्क कपड़े के मास्क की तरह की सुरक्षा प्रदान करता है।हम आपको बता दें कि जंगलों में रहने वाले ये आदिवासी जीवन यापन के लिए प्रकृति पर ही आश्रित रहते हैं।

 

820 वर्ग किलोमीटर में फैला है सारंडा जंगल

सारंडा जंगल लगभग 820 वर्ग किलोमीटर में फैला सघन वन है। सारंडा का कुछ हिस्सा उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ की सीमा से भी सटा है। सात सौ पहाड़ियों से घिरा यह वन पूरे एशिया में सखुआ के वृक्ष की अत्याधिक संख्या के लिए भी जाना जाता है।