बिहार के इन रेलवे स्टेशन का होगा निजीकरण, यहां यात्रियों को जेबें अधिक ढीली कर मिलेंगी एयपोर्ट जैसी सुविधाएं

रेलवे स्टेशन का निजीकरण किया जा रहा है जिसका उद्देश्य स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह सुविधा दिया जा सके इसके लिए रेल प्रशासन ने कवायद शुरू कर दी है। निजीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए रेलवे विकास निगम को जिम्मेवारी सौंप दिया गया है। बतादें कि  बिहार के चार तो पूर्व मध्य रेल के अधीन 5 स्टेशनों को निजी एजेंसियों के माध्यम से विकसित करने की योजना पर काम शुरू किया गया है।

रेल प्रशासन का कहना है कि देश के 25 स्टेशनों में शामिल इन 5 स्टेशनों पर रेल यात्रियों को वैसी तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी जो लोगों को एयरपोर्ट पर मिलती है। हालांकि यह और  बात है कि इन सुविधाओं के बदले रेल यात्रियों को जेबें अधिक ढीली करनी पड़ेगी।

बता दें कि, पीपीपी मोड के तहत रेल प्रशासन ने पूर्व मध्य रेल के 5 स्टेशनों को विकसित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ, राजेश कुमार ने बताया  कि  रेल विकास निगम के माध्यम से स्टेशनों को विकसित करने का आधिकारिक पत्र आ गया है। जल्द ही आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बताया गया है कि अब इन स्टेशनों को निजी एजेंसियों को सौंपा जाएगा। पूर्व मध्य रेल के जिन 5 रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपा जाएगा, उनमें राजेंद्र नगर टर्मिनल, मुजफ्फरपुर,गया, बेगूसराय औऱ सिंगरौली है। बता दें  सिंगरौली मध्यप्रदेश में है।  इन पांच रेलवे स्टेशनों के निजीकरण  में बड़ी कंपनियों ने दिलचस्पी भी दिखाई है।

निजीकरण के लिए पूरी प्रक्रिया को मूर्त रूप देने के लिए रेलवे विकास निगम को जिम्मेवारी सौंप दी गई है।  रेलवे का दावा है कि इससे यात्री सुविधाओं के विकास में तेजी आएगी। पहले चरण में देश के दो स्टेशन हबीबगंज व गांधीनगर को विकसित किया जा रहा है। पूर्व मध्य रेल के 5 स्टेशनों को दूसरे चरण में शामिल किया गया है।

स्टेशनों की खाली पड़ी जमीन पर बनेगें शॉपिंग मॉल

रेलवे निजीकरण के तहत ट्रेनों की धुलाई, स्टेशन के रखरखाव की जवाबदेही निजी एजेंसियों को दी जाएगी। स्टेशन परिसर की पार्किंग, सफाई, ट्रेनों में पानी भरना, बिजली, परिसर में विज्ञापन लगाने का काम भी निजी एजेंसियां करेगी। प्लेटफार्म पर फूड स्टॉल लगाने का काम निजी कंपनियों को दिया जाएगा। इससे यात्रियों को महंगे खाद्य पदार्थ मिल सकते हैं। अलग-अलग स्टेशनों के लिए विशेष नियम और शर्त तय किए जाएंगे। वहीं कुछ स्टेशनों की खाली पड़ी जमीन पर शॉपिंग मॉल भी बनाने की बात चल रही है।