भारत के सभी राज्य में चल रही विधानसभा चुनावों के खत्म होने के बाद, पेट्रोल और डीजल के दामों में आएगा 8 से ₹9 का इजाफा।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। मोदी सरकार को घेरते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि ‘इलेक्शन ऑफर’ जल्दी ही खत्म होने वाला है, ऐसे में अपनी गाड़ियों की टंकी में पेट्रोल भरवा लीजिए और टंकियों को फुल करवा लीजिए।

दरअसल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए प्रचार शनिवार को समाप्त होने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को ट्विटर पर निशाने पर लिया ।



उन्होंने लिखा, ‘अपने पेट्रोल टैंक जल्दी भरवा लीजिए। मोदी सरकार का चुनावी ऑफर जल्द ही खत्म होने वाला है।’ इसके साथ ही उन्होंने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर तंज कसती हुई एक तस्वीर भी पोस्ट की। कांग्रेस भाजपा सरकार पर आरोप लगाती रही है कि वह चुनाव के दौरान ईंधन की कीमतों में वृद्धि को टाल देती है और चुनाव संपन्न होने के तुरंत बाद फिर से इनमें बढ़ोतरी करना शुरू कर देती है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी ICRA ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान में कच्चे तेल के भाव के आधार पर पेट्रोल डीजल का रेट 8 रुपए प्रति लीटर तक कम है।

वहीं इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिती नैयर ने कहा कि वैसे सटीक राशि के बारे में नहीं बता सकते, लेकिन यह 6-8 रुपए प्रति लीटर के रेंज में है। जिस समय चुनाव का ऐलान हुआ था उस समय कच्चे तेल का भाव 80 डॉलर था जो अभी 107 डॉलर तक पहुंच गया है।

इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर सरकार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करती है और इसे कोरोना पूर्व स्तर पर लेकर आती है तो सरकारी खजाने पर करीब 92000 करोड़ का बोझ बढ़ेगा। 10 मार्च को चुनाव खत्म होने के बाद कीमत में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। ऐसे में कीमत पर कंट्रोल लाने के लिए सरकार के पास एक्साइज ड्यूटी में कटौती का विकल्प है। ऐसा नहीं करने पर रिटेल इंफ्लेशन बढ़ जाएगा जो बड़ी चुनौती होगी।

8 साल में पहली बार कच्चा तेल का दाम पहुंचा सौ के पार

4 सितंबर 2014 के बाद पहली बार 24 फरवरी को भारत को कच्चा तेल 100 डॉलर के रेट पर खरीदना पड़ा। रूस और यूक्रेन के बीच संकट के कारण कच्चे तेली की कीमत में तेजी आई है। रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।