डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए गृह मंत्रालय ने बनाया साइबर सेफ एप, बताया देश के 18 राज्यों में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का किया पर्दाफाश

गृह मंत्रालय ने बताया है कि देश में डिजिटल पेमेंट के जरिए हो रही धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने के लिए मंत्रालय का साइबर सेफ व्यापक रूप से काम कर रहा है। मालूम हो कि एक तरफ जहां इससे डिजिटल फर्जीवाड़े को उजागर किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ डिजिटल पेमेंट्स को सुरक्षित बनाया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने बताया कि इसकी वजह से देश के 18 राज्यों में फर्जीवाड़ा करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया जा रहा है।

इससे पहले 11 जून को 78 वर्षीय उदयपुर के रहने वाले एक बुजुर्ग का साढ़े छह लाख रुपये का फर्जीवाड़ा हो गया। फोन से यह फर्जीवाड़ा करने वाला झरखंड से ऑपरेट कर रहा था. गृह मंत्रालय के FCord संचालित साइबर सेफ एप ने यह बताया कि फंड 3 एसबीआई क्रेडिट कार्ड्स में जमा कराए गए हैं. इन कार्ड्स का इस्तेमाल 33 चीन के बने शियोमी POCO M3 मोबाइल फोन फ्लिपकार्ट से खरीदने पर खर्च किए गए।

ये फोन मध्य प्रदेश के बालाघाट के पता पर मंगाए गए थे. इस जगह की पहचान कर एसपी बालाघाट को सूचित किया गया। मध्य प्रदेश की पुलिस ने मास्टमाइंड को हिरासत में लेकर 33 नए फोन और कई अन्य को जब्त कर लिया। फ्रॉड टू फोन गैंग इसे 10 हजार रूपये प्रति फोन के हिसाब से खरीदा था और उसे वे 5-10 फीसदी छूट के साथ ब्लैक मार्केट में बेचने वाले थे। वहीं झारखंड पुलिस ने फ्रॉड टू फोन कॉलर को गिरफ्तार कर लिया।

इस फ्रॉड टू फोन गैंग में सैकड़ों ऑपरेटिव्स अलग-अलग तरीके से फर्जीवाड़ा कर लोगों को चूना लगा रहैं हैं, जैसे कोई ओटीपी फ्रॉड कर रहा है तो कोई ई-कॉमर्स फ्रॉड तो कोई क्रेडिट कार्ड फ्रॉड। अब तक 8 फ्रॉड टू फोन मास्टरमांइड गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनमें 2 मध्य प्रदेश से 4 झारखंड से और 2 आंध्र प्रदेश से हैं। और ठगी किए गए फंड से खरीदे गए करीब 300 नए फोन जब्त किए जा चुके हैं।

इसके साथ ही इस गैंग के करीब 900 सेल फोन और 1000 बैंक एकाउंट्स और सैकड़ों यूपीआई और ई-कॉमर्स आईडी पहचान हुई है और इसकी जांच की जा रही है। तो वहीं करीब 100 बैंक एकाउंट्स और डेबिट-क्रेडिट कार्ड्स फ्रीज किए जा चुके हैं. फ्रॉड टू फोन गैंग के खिलाफ यह ऑपरेशन बढ़ाकर 18 राज्यों में किया जा रहा है और 350 लोग इसमें काम कर रहे हैं।