जेडीयू के सांसद महाबली सिंह ने गुरुवार को बजट पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला….

 उन्होंने 15-16 साल से लटकी पड़ी योजनाएं गिनाईं और सरकार पर झूठ और आश्वासन की घुट्टी पिलाते रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि डालमिया नगर की फैक्ट्री 2022 तक हर हालत में चालू कर जनता को सौंप देंगे।

महाबली सिंह ने कहा कि आप खाली झूठ बोलते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस देश में आजादी के बाद से अब तक बहुसंख्यक समाज अपमान के घूंट का जहर पी रहा है। महाबली सिंह ने गैरबराबरी की व्यवस्था का मुद्दा उठाया और कहा जो लोग जाति व्यवस्था के तहत नीचे गिराए गए हैं, उनको  ऊपर उठाना होगा। इसके लिए सभी को न्यायपालिका, विधायिका और सभी रेजिमेंट में हिस्सेदारी देनी होगी।

जेडीयू सांसद ने जातीय जनगणना कराने की मांग की और कहा कि जब देश में जानवर की गिनती हो सकती है, शेर-भालू और चीता की गिनती हो सकती है तब जातियों की क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि जब तक जनगणना नहीं होगी, तब तक ये पता नहीं चलेगा कि कौन जाति के कितने लोग हैं। ऐसे में सरकार भागीदारी कैसे दे सकती है।

उन्होंने कहा कि आप सबका साथ, सबका विकास, सबका विसवास और विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं तो आपको जातिगत जनगणना करानी चाहिए। महाबली सिंह ने दलितों को घोड़ी चढ़ने से रोके जाने की घटनाओं का भी जिक्र किया और 2019 के आम चुनाव में बिहार में बीजेपी को मिली सीटों का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि सरकार ने बिहार को ठगा है।

जेडीयू सांसद ने कहा कि बिहार की जनता विशेष राज्य का दर्जा चाहती है। उन्होंने कहा कि जब झारखंड को बिहार से अलग किया गया था, तब सरकार ने ये आश्वासन दिया था कि विशेष पैकेज देकर बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जाएगा। जेडीयू सांसद ने सरकार से पूछा कि कहां हैं विशेष पैकेज। बताइए, दिखाइए।

जेडीयू सांसद महाबली सिंह ने ये भी कहा कि आजादी के बाद से देश में अब तक जितने भी बजट पेश किए गए हैं, हर बार यही कहा गया कि ये गरीब-किसान को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग बजट की तारीफ करते रहे हैं।