बिहार में शिक्षा विभाग के अंदर बड़ा बदलाव हुआ…अब राज्य के शिक्षक दो से 4 वर्ष पहले ही हेडमास्टर बन जाएंगे…राज्य सरकार ने इसके लिए अनुभव की समय – सीमा को कम कर दिया…

शिक्षा विभाग में यह फैसला लिया है कि राज्य में माध्यमिक शिक्षक 8 वर्ष जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षक 4 वर्ष के अनुभव के आधार पर ही हेड मास्टर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। इससे पहले इस पद पर नियुक्ति के लिए माध्यमिक शिक्षकों को 10 वर्षों का अनुभव होना अनिवार्य किया गया था जबकि उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए 8 वर्षों की सीमा निर्धारित था।

बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा हाल ही में हेडमास्टर पद को लेकर परीक्षा ली गई थी। इस दौरान पुराने नियमों के आधार पर ही परीक्षा ली गई थी। जिसके बाद कई शिक्षक संगठनों द्वारा इस अनुभव की अनिवार्यता को कम करने का सुझाव दिया गया था। बिहार में फिलहाल दोनों तरह के स्कूलों की संख्या लगभग 10,000 है।

इसको लेकर शिक्षा मंत्री ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है इससे संबंधित उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक नियुक्ति स्थानांतरण व अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त नियमावली 2021 का इसमें आवश्यक संशोधन कर दिया गया है। अब इसी के आधार पर बीपीएससी द्वारा परीक्षा को लेकर सिलेबस तैयार किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बदलाव से माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक में केवल 4 व 8 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षक प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति किए जाएंगे या उनका प्रमोशन किया जाएगा। इससे कम उम्र के युवा प्रधानाध्यापक मिलेंगे और विद्यालय के प्रबंधन तथा शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक परिवर्तन हो सकेगा।