बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने उम्मीद जताई है कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के अंदर पढ़ाई का काम अगस्त के दूसरे हफ्ते से शुरू हो सकता है। विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण 6 अगस्त तक बिहार में आंशिक तौर पर कई पाबंदियां लागू हैं। इससे पहले क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक होनी है और इस बैठक के बाद पहली से दसवीं क्लास तक के बच्चों की पढ़ाई को लेकर फैसला किया जा सकता है। अगस्त के पहले हफ्ते में यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार के स्कूल कब खुलेंगे।
मौजूदा तौर पर राज्य सरकार के फैसले के मुताबिक उसके तहत दसवीं से ऊपर के स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं। हालांकि परीक्षाओं पर अभी भी पाबंदी लगाई गई है। 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ ही शिक्षण संस्थान खुले हैं। कोचिंग जैसे संस्थानों को अभी भी बंद रखा गया है। मालूम हो कि दो दिन पहले इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आइसीएमआर में कहा था कि प्राइमरी सेक्शन के स्कूल पहले खोले जाने चाहिए क्योंकि बच्चों में कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा है। आइसीएमआर ने सेकेंडरी सेक्शन के स्कूल बाद में खोलने की सलाह दी थी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है की आइसीएमआर की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 60 फ़ीसदी लोगों के अंदर कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी डेवलप हो चुका है। यह भी सच है कि बच्चों की तुलना में कोरोना से ज्यादा खतरा वयस्कों को है। बच्चों के लिए स्कूल खोलने को लेकर आइसीएमआर में जब सहमति दी है तो बिहार सरकार भी इस पर विचार करेगी।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के इस बयान से साफ है कि प्राथमिक और माध्यमिक के स्कूलों को खोलने को लेकर अगस्त के पहले हफ्ते में फैसला हो जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि विभाग बड़ी बारीकी से महामारी की परिस्थितियों और उसके डाटा पर नजर रख रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो स्कूल खोलने में कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि अंतिम फैसला आपदा प्रबंधन समूह यानी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के में ही लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि बच्चों के भविष्य और उनकी सुरक्षा दोनों हमारी प्राथमिकता में है।
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