
अपनी मांगों के लेकर राजधानी पटना पहुंचे सैकड़ों छात्रों ने बुधवार को बिहार कर्मचारी चयन आयोग के कार्यालय के बाहर जोरदार हंगामा किया। बीएसएससी कार्यालय के बाहर बीपीएससी अभ्यर्थियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
आक्रोशित छात्रों का कहना था कि सरकार जल्द से जल्द उनकी मागों को पूरा करे नहीं तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने 2014 में जितने पदों के लिए बहाली निकाली थी उतने पदों को जल्द से जल्द भरा जाए।
बीपीएससी अभ्यर्थियों का कहना था कि साल 2014 में 13120 पदों के लिए बहाली निकाली गई थी। छात्रों के आंदोलन के 8 साल बाद मेरिट लिस्ट जारी किया गया लेकिन दो हजार सीटें तब भी खाली रख दी गई। उन दो हजार सीटों पर बहाली नहीं की गई। मेरिट लिस्ट 11329 अभ्यर्थियों का निकाला गया जबकि रिक्त सीटें थी 13120। अभ्यर्थियों की मांग है कि जितनी सीटों पर वैकेंसी आई थी उन सभी सीटों को जल्द से जल्द भरा जाए।
अभ्यर्थियों की मानें तो 1778 छात्रों का काउंसलिंग कराने के बाद मेरिट लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। फिजिकल वाले पोस्ट के लिए अभ्यर्थियों को फिजिकल का मौका नहीं दिया गया और कहा गया कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले। छात्रों की मांग है कि सरकार ऐसे 1778 अभ्यर्थियों को फिजिकल का मौका दे और इसके बाद वेटिंग लिस्ट जारी करे। इसके बाद भी अगर सीटें बचती हैं तो दूसरी लिस्ट जारी की जाए।
अभ्यर्थियों का कहना है कि पिछले 8 साल से अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट का इंतजार कर रहे थे, कितने ही अभ्यर्थियों की उम्र भी समाप्त हो गई। अब वे सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई भी नहीं कर सकते हैं। ऐसे में अभ्यर्थियों ने इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि बीएससीसी का कोई भी अधिकारी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। अभ्यर्थियों ने मांगों नहीं माने जाने पर अपने आंदोलन को तेज करने की बात कही है।
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