होली में शराब से मरने वालो का आंकड़ा बया कर रहा है राज्य में शराबबंदी का हाल।

बिहार में शराबबंदी की कहानी इस बार की होली बताने को काफी होगी। यहां बिहार के अलग-अलग जिलों से शराबबंदी के बावजूद भी शराब पीने की वजह से लगभग 19 लोगों की मौत हो चुकी है।

भागलपुर बांका और मधेपुरा में कई लोगों की गई जान।

इन सबकी मौत शराब पीने की वजह से हुई है। हालांकि इस बात की अधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की गई है । संदिग्ध हालत में भागलपुर के अंदर 7 लोगों की मौत हुई है जबकि बांका में 8 और मधेपुरा में 4 लोगों की जान चली गई है।

बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र में रविवार को अलग-अलग गांवों में संदिग्ध अवस्था में आठ लोगों की मौत हो गई। मिल रही जानकारी के अनुसार, सभी लोगों में एक जैसे लक्षण दिखाई दिए। सभी पेट दर्द, उल्टी होना एवं आंखों की रोशनी चले जाने की शिकायत कर रहे थे। कुछ लोगों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाया गया जबकि कुछ को भागलपुर रेफर किया गया जहां उनकी मौत हो गई।

वही दूसरी तरफ भागलपुर जिले में सात लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। स्थानीय लोग शराब पीने से मौत होने की बात कह रहे हैं। हालांकि प्रशासन के द्वारा अभी इसकी पुष्टि नहीं किया गया है। वि.वि क्षेत्र के साहेबगंज मोहल्ले में पांच की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। इसमें एक की शनिवार की शाम और चार की रविवार की सुबह मौत हुई है। इसके अलावा नारायणपुर प्रखंड में भी दो लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है। एक की मौत शनिवार की शाम और दूसरे की मौत रविवार की सुबह हुई है। जबकि चार लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मधेपुरा जिला से भी कुछ इसी तरह की घटना सामने आई है। बताया जा रहा हैं कि मधेपुरा जिला के मुरलीगंज में 4 लोगों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी है। बताया जाता है कि ये मौत जहरीली शराब से हुई है। सूत्रों की माने तो होली में जहरीली शराब पीने से 22 लोग बीमार हुए। जिन्हें बारी-बारी से मुरलीगंज पीएचसी और निजीअस्पतालों में इलाज के लिए ले जाया गया। 3 मृतक एक गावँ दिग्घी के बताए जा रहे हैं जबकि एक मुरलीगंज मुख्य बाजार के वार्ड 9 के निवासी हैं। हालांकि शराब से मौत के बारे में पुलिस और परिजन इंकार कर रहे हैं। लेकिन हर शव को पुलिस के द्वारा आनन फानन में रात के अंधेरे में जलाया गया।