चक्रवाती तूफान एमफन तेजी से तट की तरफ बढ़ रहा है. मौसम विभाग की तरफ से जारी ताजा अपडेट में कहा गया है कि ये तूफान और भी खतरनाक हो गया है. हवा की रफ्तार लगभग हर घंटे बढ़ रही है. पिछले 6 घंटे के दौरान हवा की रफ्तार 13 किलोमीटर प्रति घंटा थी. लेकिन ये जैसे ही तट के और करीब पहुंचेगा इसकी रफ्तार 220 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. अगले 6 घंटे में ये तूफान और खतरनाक रूप ले सकता है. दो दिन पहले मौसम विभाग ने आशंका जताई थी कि तूफान की रफ्तार 190 किलोमीटर/घंटे रह सकती है.
भीषण बारिश के साथ चल सकती है तेज हवाएं
मौसम विभाग ने इस बात की संभावना जताई है कि अगले 24 घंटों में यह अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान बन सकता है. इसके कारण क्षेत्र में भीषण और अत्यंत भीषण बारिश के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं तथा समुद्र में ऊंची लहरें उठ सकती हैं.
ओडिशा के CM ने जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का दिया निर्देश
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, गंजम, जगतसिंहपुर, गजपति, नयागढ़, कटक, केंद्रपाड़ा, खुर्दा और पुरी के जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. इधर, तमिलनाडु में भी अम्फान का खतरा बढ़ गया है. रविवार को चली तेज हवाओं के कारण सैकड़ों पेड़ गिर गए और काफी नुकसान भी हुआ. कोयंबटूर समेत कई जिलों में पेड़ों के गिरने की खबरें हैं.
11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विशेष राहत आयुक्त (SRC) पीके जेना ने कहा, ‘इसके अलावा, हम चार तटीय जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर पर करीबी नजर रख रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए लगभग 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का इंतजाम किया गया है.। इसके अलावा ओडिशा में चक्रवात का प्रभाव कम होने के तुरंत बाद बिजली, पानी की आपूर्ति, सड़कें साफ करने, बचाव और राहत अभियान शुरू करने की व्यवस्था की गई है.
जेना ने कहा, ‘हमारे पास 567 चक्रवात और बाढ़ आश्रय स्थल मौजूद हैं. संकट की घड़ी में लोगों को इन आश्रय स्थलों में रखा जा सकता है. इसके अलावा, 7,092 इमारतों की व्यवस्था की है ताकि लोगों को रखने के लिए जगह कम न पड़े.’
ओडिशा,पश्चिम बंगाल में NDRF की 17 टीमें तैनात
चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के खतरे को भांपते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अपनी 17 टीमें तैनात कर दी हैं और कई अन्य को तैयार रखा गया है. NDRF की एक टीम में करीब 45 मेंबर होते हैं.
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