सत्तरघाट पुल के संपर्क पथ के ध्वस्त होने की खबर बुधवार की रात से ही सुर्खियों में है. इसे लेकर बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मीडिया में सत्तर घाट पुल के क्षतिग्रस्त होने की झूठी खबर चल रही है।
इस मामले में सही तथ्य निम्नवत है
सत्तर घाट मुख्य पुल से लगभग दो किमी दूर गोपालगंज की ओर एक 18 मी लम्बाई के छोटे पुल का पहुँच पथ कट गया है। यह छोटा पुल गंडक नदी के बांध के अन्दर अवस्थित है। गंडक नदी में पानी का दबाव गोपालगंज की और ज़्यादा है । इस कारण पुल के पहुँच का सड़क का हिस्सा कट गया है। यह अप्रत्याशित पानी के दबाब के कारण हुआ है। इस कटाव से छोटे पुल की संरचना को कोई नुक़सान नहीं हुआ है। मुख्य सत्तर घाट पुल जो 1.4 किमी लंबा है जो पूर्णतः सुरक्षित है। सरकार का कहना है कि पानी का दबाव कम होते ही यातायात फिर से चालू कर दिया जाएगा।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया
वहीं सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है और कहा कि इस योजना में कोई अनियमितता का मामला नहीं है। यह प्राकृतिक आपदा है।
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