राम मंदिर निर्माण : ट्रस्ट की घोषणा के साथ हीं नाराज हो गये अयोध्या के संत, दिगंबर अखाड़ा में होगा सबकुछ..

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा लोकसभा में राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट के गठन की घोषणा के साथ हीं विवाद शुरू हो गया है। ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के नाम से गठित 15 सदस्यीय टस्ट में सुप्रीम कोर्ट में ङ्क्षहदू पक्ष के वकील के परासन का नाम सबसे उपर है। अयोध्या के संतों को समुचित प्रतिनिधित्व न मिलने को लेकर संत नाराज हैं। इसके लिए दोपहर में दिगंबर अखाड़ा में बैठक कर संत आगे की रणनीति तय करेंगे।

ट्रस्ट के स्वरूप से संत असहमत

मंदिर निर्माण के लिए बुधवार को ही गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के स्वरूप का मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे संतों ने विरोध शुरू किया। गुरुवार को सुबह से ही राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के आश्रम मणिराम दास जी की छावनी ऐसे महंत एकत्रित होने लगे जो ट्रस्ट के स्वरूप से असहमत हैं। स्वयं नृत्य गोपाल दास ने शासकीय ट्रस्ट के स्वरूप को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने यहां पर मंदिर आंदोलन को गति देने वाले धर्मचार्यों की उपेक्षा पर विरोध जताया है। यहां पहुंचे संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास एवं दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने भी नवगठित ट्रस्ट का विरोध किया है। श्रीमहंत सुरेश दास ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े न्यास के संतों के साथ अन्य लोगों को ट्रस्ट में शामिल न करना संतों का अपमान है। राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले लोग बाहर हैं जबकि आंदोलन से बाहर के लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया गया है।
चंदौली में अनशन पर बैठे अयोध्या के संत

मोहन भागवत को ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने की मांग

आरएसएस प्रमुख प्रमुख मोहन भागवत को राम मंदिर ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर अयोध्या के संत चंदौली में अनशन पर बैठे हैं। सरकार के इस फैसले से नाराज होकर अयोध्या में तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाये जाने की मांग की है। अयोध्या के रामघाट स्थित तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने मोहन भागवत को राम जन्मभूमि मंदिर के ट्रस्ट का परम अध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर बिलारीडीह शिव मंदिर पर अनिश्चित कालीन अनशन की शुरूआत की है।