कल जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में गठित जिला निरीक्षण समिति के द्वारा पटना जिला के 5 बाल देखरेख संस्थानों का निरीक्षण किया गया….

कल  जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के नेतृत्व में गठित जिला निरीक्षण समिति के द्वारा पटना जिला के 5 बाल देखरेख संस्थानों (सूर्योदय बाल गृह, अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, सृजनी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, बाल गृह अपना घर तथा आशा किरण बालिका गृह)का निरीक्षण किया गया। किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 की धारा 54 तथा बिहार किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) नियमावली 2017 के नियम 41(8) के प्रावधानों के अंतर्गत गठित जिला निरीक्षण समिति में जिलाधिकारी के साथ मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा), पुलिस उपाधीक्षक (मु०) सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई, मानसिक रोग विशेषज्ञ, बाल कल्याण समिति/ किशोर न्याय बोर्ड के अध्यक्ष/सदस्य तथा जिलाधिकारी द्वारा नामित बाल संरक्षण क्षेत्र में कार्यरत नागरिक समाज का एक सदस्य होता है जो हर तीन माह में जिला में संचालित सभी बाल देखरेख संस्थानों का निरीक्षण कर निर्धारित प्रपत्र 46 में अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को प्रेषित करता है। निरीक्षण समिति ने अधिकांश गृहों की व्यवस्था को संतोषजनक पाया। बाल देखरेख संस्थानों में पाई गई त्रुटियों के निराकरण हेतु अधीक्षकों को किशोर न्याय (बालकों की देख –रेख एवं संरक्षण ) अधिनियम 2015 के प्रावधानों को शत प्रतिशत लागू करना सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
निरीक्षण समिति द्वारा पिछले त्रैमासिक निरीक्षण के दौरान दिए गए निदेशों की समीक्षा की गई तथा उसमें संतोषजनक सुधार पाया गया।
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थानों के निरीक्षण में पाया गया कि दोनों गृहों में आया का मानदेय कम होने के कारण वे अचानक  काम छोड़ देती है जिससे बच्चों की देखभाल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। निरीक्षण समिति द्वारा आया के मानदेय के पुनर्निधारण हेतु विभाग को पत्र देने का निर्णय लिया गया।
सृजनी दत्तक ग्रहण संस्थान के भवन के किराया का निर्धारण अनुमंडल पदाधिकारी दानापुर से करा कर आवंटन की मांग विभाग से की गई है जो अब तक प्राप्त है निरीक्षण समिति द्वारा इस संबंध में पुनः विभाग को पत्र देने का निर्णय लिया गया।
बाल गृह अपना घर में प्रतिनियुक्त चिकित्सक डॉ हरिओम  नियमित रूप से गृह में आकर बच्चों की जांच नहीं कर रहे हैं। निरीक्षण समिति द्वारा संबंधित चिकित्सक पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
सभी गृहों के बच्चों के मेडिकल फाइल की समीक्षा की गई तथा अधीक्षक एवं एएनएम को बच्चों की नियमित रूप से चिकित्सा जांच करवाने का निदेश दिया गया तथा ठंड को देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की हिदायत दी गई।
 गृहों की सुरक्षा की समीक्षा में पाया गया कि अरुणोदय एवं सूर्योदय बाल गृह में एक होमगार्ड प्रतिनियुक्त करने का निर्णय लिया गया। बालगृह अपना घर के सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की गई जिसमें भवन में मरम्मत की आवश्यकता पाई गई। इस संबंध में अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि भवन के मरम्मत हेतु भवन निर्माण विभाग से प्राक्कलन तैयार करवा कर जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से विभाग को भेजा जा चुका है। समिति द्वारा विभाग से पुनः पत्राचार कर अविलंब आवंटन की मांग करने का निर्णय लिया गया।
सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई पटना श्री उदय कुमार झा ने बताया कि गृहों में बच्चों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण सुविधा देने के साथ- साथ उनके बेहतर भविष्य के लिए भी कार्य किया जाता है । यह उनके व्यक्तिगत देखभाल योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन करने से ही संभव है । गृह की व्यवस्था में कोई समझौता नहीं किया जाएगा एवं कार्य में कोताही करने वाले कर्मियो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
निरीक्षण में मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ के के राय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (शिक्षा) श्री अरुण मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक (मु०) सह नोडल पदाधिकारी विशेष किशोर पुलिस इकाई श्री आलोक कुमार सिंह, बाल कल्याण समिति  की अध्यक्ष डॉ संगीता कुमारी के साथ डाॅ सुकुल रजक चिकित्सा पदाधिकारी, श्री अमूल्य कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी (संस्थागत),श्री मुकुल कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी(गैर संस्थागत), जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना उपस्थित थे।