पटना डीएम ने जिला योजना कार्यालय के तत्कालीन 3 कर्मी वीरेंद्र कुमार तत्कालीन लिपिक सह नाजिर जिला योजना कार्यालय संप्रति लिपिक अनुमंडल कार्यालय बाढ़, विकास कुमार यादव लिपिक सह नाजिर जिला योजना कार्यालय संप्रति लिपिक अनुमंडल कार्यालय दानापुर तथा जगदीश प्रसाद शर्मा कार्यालय परिचारी जिला योजना कार्यालय पटना वित्तीय अनियमितता के मामले में जांचोपरांत दोषी पाए गए। यह मामला 2013 ई में जिला योजना कार्यालय पटना में कर्मियों के द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता का है। डीएम कुमार रवि ने तीनों कर्मियों को बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया है
इस मामले के सामने आने के बाद 2013 में ही उक्त तीनों कर्मियों के विरुद्ध स्थानीय गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी तथा तीनों को गिरफ्तार कर हिरासत में लिया गया था। तीनों कर्मियों ने मिलकर जिला योजना कार्यालय का चेक गायब किया तथा फर्जी हस्ताक्षर कर 15128510 रुपए की राशि की फर्जी निकासी कर ली गई।
जांच के उपरांत तीनों कर्मी दोषी पाए गए
मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम गठित कर मामले की जांच कराई गई तथा प्रपत्र क गठित कर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई जिसमें अपर समाहर्ता विभागीय जांच को संचालन पदाधिकारी तथा जिला योजना पदाधिकारी को प्रस्तोता पदाधिकारी बनाया गया। मामले की गहन एवं सूक्ष्म जांच के उपरांत तीनों कर्मी दोषी पाए गए । तदनुसार मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी श्री कुमार रवि ने उक्त तीनों कर्मियों को बिहार सरकारी सेवक नियमावली 2005 के तहत सेवा से बर्खास्त कर दिया है। जिलाधिकारी ने कहा है की वित्तीय कामकाजों में पारदर्शिता ,जवाबदेही एवं सरकारी दिशा निर्देशों का पालन आवश्यक है। सरकारी वित्तीय कार्यों के निष्पादन के क्रम में जिन कर्मियों के विरुद्ध अनियमितता की शिकायतें पाई जाएगी उनके विरुद्ध जांच कर विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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