मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वाली ‘बुल्ली बाई ‘ एप के मामले में मुंबई पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी।

मुस्लिम महिलाओं के फोटो की नीलामी करने वाली ‘बुल्ली बाई’ ऐप के मामले में मुंबई पुलिस के हाथ सोमवार को एक बड़ी कामयाबी लगी। इस मामले से जुड़े एक आरोपी मुंबई पुलिस के हत्थे चढ़ गया। मुंबई पुलिस ने आरोपी की पहचान का अभितक खुलासा नहीं किया है। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने इतनी जानकारी जरूर दी है कि आरोपी की उम्र 21 साल है और वह बेंगलुरु में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता है। मुंबई पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी छात्र एक आपत्तिजनक ट्विटर हैंडल चला रहा था। जिससे वह आपत्तिजनक कंटेंट भी अपलोड कर रहा था।


साथ ही वह बुल्ली बाई ऐप के पांच फॉलोअर्स में से एक बताया गया है। उसे मुंबई लाया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। उधर, दिल्ली पुलिस ने भी इस विवाद को लेकर गिटहब प्लेटफॉर्म से यह मोबाइल ऐप डेवलप करने वाली की जानकारी मांगी है। वहीं, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने कहा कि मुंबई पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। हालांकि, हम इस समय विवरण का खुलासा नहीं कर सकते क्योंकि इससे चल रही जांच में बाधा आ सकती है, मैं सभी पीड़ितों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपराधियों का लगातार पीछा कर रहे हैं। इससे पहले दिन में, दिल्ली पुलिस ने डोडी एप्लिकेशन के डेवलपर के बारे में भी गिटहब प्लेटफॉर्म से विवरण मांगा है। ट्विटर से अपने प्लेटफॉर्म पर संबंधित ‘आक्रामक सामग्री’ को ब्लॉक करने और हटाने के लिए कहा गया है। पुलिस ने ट्विटर से ऐप के बारे में सबसे पहले ट्वीट करने वाले अकाउंट हैंडलर के बारे में भी जानकारी मांगी है।

आपको बता दें कि साल के पहले दिन यानी एक जनवरी को एक महिला पत्रकार ने बुल्ली बाई ऐप पर ‘डील ऑफ द डे’ बताकर बेची जा रही अपनी तस्वीर को शेयर किया था। पत्रकार ने ट्विटर पर कहा कि यह बहुत दुखद है कि एक मुस्लिम महिला के रूप में आपको अपने नए साल की शुरुआत इस डर और घृणा के साथ करनी पड़ रही है। पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साइबर उत्पीड़न की निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों ने इसके लिए दक्षिणपंथी तत्वों को जिम्मेदार ठहराया है। ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिनकी तस्वीरों को बिना अनुमति से लिया गया था और उनसे छेड़छाड़ की गई थी। एक साल से भी कम समय में ऐसा दूसरी बार हुआ।