
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैरान करने वाला वीडियो सामने आया है। चार युवक एक लड़की और लड़के के साथ बेहद नृशंसता के साथ मारपीट कर रहे हैं। लड़की के बाल नोचे जा रहे हैं और लड़के को ताबड़तोड़ थप्पड़ मारा जा रहा है। लड़की चीख रही है, चिल्ला-चिल्लाकर अपने बाल छोड़ने की गुहार लगा रही है लेकिन चारों युवकों का दिल नहीं पसीज रहा है।
एक युवक वीडियो भी बना रहा है। लड़की उससे वीडियो नहीं बनाने की गुहार भी करती दिखाई दे रही है। मामला मलिहाबाद के गांव नबीनगर का चार अक्टूबर का बताया जा रहा है। अब वीडियो वायरल होने पर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस ने दो नामजद के साथ चार अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। एक आरोपित को गिरफ्तार भी किया गया है।
वीडियो में दिख रहा है कि 4 से 5 लोग युवक और युवती को घेरकर पीट रहे हैं। एक युवक लड़की के बाल पकड़कर खींच रहा है। मास्क लगाए एक युवक प्रेमी का हाथ मरोड़ कर उस पर ताबड़तोड़ थप्पड़ बरसा रहा है। एक युवक दोनों का नाम पता पूछ रहा है। गालियां भी दी जा रहीं हैं।
युवती रोती हुई नजर आ रही है। वीडियो बनाने से भी मना कर रही है। वह बाल छोड़ने की गुहार लगा रही है। कह रही है कि मैं सब बता दूंगी, वीडियो मत बनाओ। करीब आधे घंटे तक दोनों युवकों के चंगुल में रहे। बाद में कुछ ग्रामीणों ने दोनों को छुड़ाया।
स्थानीय लोगों के अनुसार शहर से युवक और युवती घूमते-घूमते नबीनगर गांव के बाहर पहुंचे थे। रोड पर बाइक खड़ी कर दोनों आम के बाग में पहुंच गए। इस दौरान दोनों बैठकर बातें कर रहे थे। एक ग्रामीण की नजर उन पर पड़ी तो उसने गांव के अन्य लोगों को भी इसकी जानकारी दी। इसके बाद कई युवक पहुंच गए और दोनों की पिटाई शुरू कर दी गई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों रिश्तेदार हैं। पुलिस वीडियो के आधार पर दोनों की पिटाई करने वालों की धरपकड़ में जुटी है।
क्या जानते है आप..?
किसी व्यक्ति से मार-पीट करना और उसे जख्मी कर देना या उसे गंभीर रूप से चोटिल कर देना एक गंभीर मामला है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी ) के अंतर्गत ऐसी कई धाराएं आती है जिसके अंतर्गत अलग अलग दशाओं में मार पीट की घटना पर सजा का प्रावधान है।भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत आपके ऊपर जानलेवा हमला या मार पीट करने वाले व्यक्ति को छः माह से लेकर दस साल तक की सजा मिल सकती है।
सामान्य मार पीट जैसे चाटा मारने जैसे मामलों की शिकायत थाने में की जा सकती है, लेकिन इस तरह के मामले संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। इसीलिए पुलिस ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज नहीं करती है। लेकिन शिकायतकर्ता को एक बार पुलिस से जरूर शिकायत करनी चाहिए। लेकिन यदि ऐसी घटना ज्यादा होती है तो शिकायतकर्ता अदालत के सामने अर्जी दाखिल कर दोषी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगा सकता है। इसके अलावा मार पीट की घटना में ऐसी धाराएं होती है जो मारपीट करने की स्तिथि और अपराध करने के तरीके पर निर्भर करता है। यदि मारपीट करने की वर्त्तमान स्तिथि संज्ञेय अपराध के श्रेणी में आता है तब दोषी व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है।
साधारण मारपीट पर धारा 323:
साधारण मारपीट के केस में पुलिस धारा 323 के तहत केस दर्ज करती है। यह धारा जमानतीय और गैर संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है। आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी व्यक्ति को १ साल तक की सजा व 1 हज़ार रुपये जुर्माना भरना पड़ सकता है। क़ानूनी जानकारों की माने तो साधारण मारपीट की दसा में पीड़ित व्यक्ति को स्थानीय अस्पताल से मेडिकल लीगल सर्टिफिकेट(एमएलसी) बनवा लेना चाहिए जिससे कोर्ट में शिकायत की जाये तो सबूत के तौर पर एमएलसी लगाया जा सके। एमएलसी मारपीट के बाद किसी भी डॉक्टर से कराई जा सकती है। यदि पुलिस एमएलसी नहीं कराती है तो पीड़ित व्यक्ति स्वयं भी करवा सकता है।
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