अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) और भारतीय रिज़र्व बैंक(आरबीआई) ने अपने संबंधित अधिकार क्षेत्र में विनियमित संस्थाओं के विनियमन और पर्यवेक्षण में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं।
समझौता ज्ञापन तकनीकी सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। भारत में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफ़एससी) में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास और विनियमन के लिए जिम्मेदार एक एकीकृत नियामक होने के नाते, आईएफएससीए को अन्य बातों के साथ, आईएफ़एससी में कार्यरत अधिकृत बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पर्यवेक्षण तथा विनियमन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
आरबीआई भारत का केंद्रीय बैंक और मौद्रिक प्राधिकरण है, जो अन्य बातों के अलावा, बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के विनियमन और पर्यवेक्षण के साथ-साथ अन्य कार्यों का निर्वहन और विभिन्न अधिनियमों के अनुरूप शक्तियों का प्रयोग करता है।
समझौता ज्ञापन दो नियामकों के बीच सहयोग के अवसर प्रदान करता है, जिससे, संबंधित वित्तीय इकोसिस्टम की सुरक्षा, स्थिरता और सुदृढ़ता को मजबूत किया जा सके और सर्वोत्तम व्यापार विकास और आर्थिक विकास के अनुकूल वातावरण को बढ़ावा दिया जा सके।
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