अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेलों में आई गिरावट के बाद भी भारत में पेट्रोल 100 रुपए तो डीजल 90 रुपए प्रति लीटर के पार क्यों? – राहुल गांधी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों मे आई गिरावट के बाद भी भारत सरकार द्वारा भारत में पेट्रोल डीजल के दामों में कमी नहीं की गई है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में जुट गई है कांग्रेस। पार्टी का कहना है कि सरकार ने 5 रुपये प्रति लीटर की कमी का झुनझुना थमाकर लोगों को करीब आठ रुपये प्रति लीटर की कमी से वंचित कर दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अब बहुत हो चुका। अब तो पेट्रोल-डीजल के दाम कम करो। देश के कई राज्यों में आज भी पेट्रोल 100 रुपये और डीजल 90 रुपये प्रति लीटर है।



पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क को यूपीए सरकार के स्तर पर कर दिया जाए। कच्चे तेल की कीमतों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए, तो पेट्रोल 26.42 रुपये और डीजल 25.24 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकता है। पर सरकार लोगों तक लाभ नहीं पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत नवंबर में औसतन 80.64 डॉलर प्रति बैरल थी। जबकि दिसंबर में यह 73.30 डॉलर प्रति बैरल थी। इसका मतलब यह हुआ कि कच्चे तेल के दाम लगभग 7.34 डॉलर प्रति बैरल कम हुए।

गौरव ने कहा कि एक तरफ जनता महंगाई की मार से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ दिसंबर, 2021 में ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत और शहरी बेरोजगारी दर 9.3 प्रतिशत के उच्च स्तर पर जा पहुंची है। इन सबके बावजूद सरकार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का लाभ नहीं देकर अपना खजाना भर रही है। तेल कंपनियों का मुनाफा भी कई गुना बढ़ गया है।