गहरी नींद में सोती रही प्रशासन, चोरों ने फिर आसानी से उड़ाया लोहे के पुल का बड़ा हिस्सा।

बिहार में इन दिनों चोरों के क्या ही कहने। इन दिनों बिहार के चोरों की पांचों अंगुलियां घी में हैं। रोहतास और जहानाबाद के बाद चोरों ने अब बांका में लोहे के एक पुल का बड़ा हिस्‍सा चुरा कर प्रशासन को खुली चुनौती दे डाली। पुल चोरी होने की सूचना के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी ने स्‍थानीय पुलिस की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर खुद घटना की जानकारी ली। खास बात यह है कि इस लोहे के ब्रिज को भारतीय सेना की मदद से बनाया गया था, लेकिन स्‍थानीय प्रशासन इसे भी सुरक्षित नहीं रख सका। चोर गैस कटर से लोहे के पुल को काट-काट कर ले जाते रहे और स्‍थानीय प्रशासन गहरी नींद में मदहोश रही। पुल के बड़े हिस्‍से को लेकर जब चोर चंपत हो गए तब स्‍थानीय अधिकारियो की नींद खुली और आनन-फानन में मौके का दौरा कर जायजा लिया।

राज्य से लगातार इस तरह के घटनाओं के सामने आने से ऐसा प्रतीत होता है कि सूबे में सरकारी सम्पति का कोई रखवाला ही नहीं है। जिसको जब मौका मिलता है, अपना हाथ साफ कर लेता है। पिछले दिनों रोहतास और जहानाबाद में पूल चोरी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि बांका में भी चोरों ने लोहे के एक पुल पर हाथ साफ कर लिया। पुल चोरी का अजीबोगरीब मामला जिले के चांदन प्रखंड के सिलजोरी पंचायत के कांवरिया मार्ग स्थित झाझा ग्राम और पटनिया धर्मशाला के बीच बेली ब्रीज का है। इस पुल का निर्माण कांवरियों की परेशानी को देखते हुए बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की ओर से साल 2008 में करवाया गया था। लोहे के इस बेली ब्रिज को सेना की सहायता से बनाया गया था। इस पुल का उपयोग कई वर्षों तक कांवरियों के साथ-साथ आम लोग के द्वारा भी किया जाता रहा है। साल 2012 में नए कांवरिया पथ बन जाने के बाद से यह पुल अनुपयोगी हो गया था। इसके बाद इसकी अनदेखी होने लगी थी।

पुलन की अनदेखी का फायदा उठाते हुए चोर कुछ दिनों के दौरान गैस कटर से पुल का एक बड़ा हिस्‍सा काटकर चंपत हो गए। हैरत की बात यह है कि चोर कई दिनों तक पुल को काट-काट कर ले जाते रहे, लेकिन स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब मीडिया के माध्यम से पुल के बड़े हिस्से की चोरी का मामला सामने आया तब जिला प्रशासन हरकत में आया और मंगलवार को पुल का जायजा लेने के लिए चांदन बीडीओ और थनाध्यक्ष पहुंचे। इस बाबत स्थानीय प्रशासन की ओर से कहा गया कि इस पुल के अनुपयोगी होने के चलते इसको लेकर पुल निगम से संपर्क साधने और सुरक्षित हटाने की बात कही गहै है। वहीं, स्‍थानीय लोग इस ब्रिज को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले बिहार के रोहतास और जहानाबाद में भी चोर लोहे के पुल पर हाथ साफ कर चुके हैं। हैरत की बात यह है कि इसके बावजूद स्‍थानीय प्रशासन ने लोहे के पुल को लेकर किसी तरह की सतर्कता नहीं बरती। अब बांका में लोहे के पुल का एक बड़ा हिस्‍सा चोरी कर लिया गया है। मामला सामने आने के बाद स्‍थानीय प्रशासन इस मामले में कार्रवाई की बात कह रहा है।