
आर्थिक अपराध इकाई ने गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के खिलाफ शिकंजा कस है। 15 अक्टूबर से फरार चल रहे 2011 बैच के इस आइपीएस के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल का रुख किया गया। इओयू को आशंका है कि आदित्य कुमार विदेश भाग सकते हैं। अपने जालसाज दोस्त को फर्जी चीफ जस्टिस बनाकर बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को फोन करने और अपने ऊपर लगे शराबबंदी से जुड़े केस को हटवाने के मामले में अदालत की ओर से जारी गैर ज़मानती वारंट के आधार पर आर्थिक अपराध इकाई ने इंटरपोल वारंट जारी करने की मांग की है।
आर्थिक अपराध इकाई से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इओयू ने इस बाबत सीआइडी को अनुरोध भेजा है। सीआइडी ही इस अनुरोध को सीबीआइ के पास भेजेगी ताकि आदित्य एक देश से दूसरे देश जाने के लिए पासपोर्ट का प्रयोग करने पर फोटो, नाम, जन्मतिथि, आंखों और बालों का रंग, राष्ट्रीयता आदि के आधार पर उसे पकड़ा जा सकेगा। भारत में सीबीआइ ही इंटरपोल और देश की अन्य जांच एजेंसियों के बीच नोडल एजेंसी का काम करती है। किसी अपराधी के विदेश भागने की आशंका होती है, तो सीबीआइ ही उसके खिलाफ लुकआउट या रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराती है।
रेड कॉर्नर सदस्य नोटिस के बाद इंटरपोल के सदस्य 195 देशों की पुलिस आदि सुरक्षा एजेंसियां आदित्य कुमार का प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण, अथवा अस्थायी रूप से गिरफ्तार कर सकेंगी। एक्सक्लूसिव पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार की गिरफ्तारी के लिए इओयू की एसआइटी यूपी सहित अन्य ठिकानों के लिए रवाना हो गयी है। फरार आइपीएस मेरठ का रहने वाला है। इस कारण मेरठ पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इओयू को गिरफ्तारी वारंट के साथ साथ सर्च वारंट भी मिला हुआ है। आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा मेरठ सहित उनके अन्य ठिकानों पर सर्च भी किया जा सकता है। फरार आइपीएस आदित्य के खिलाफ कोर्ट ने चार नवंबर को वारंट जारी किया था। इससे साथ ही इओयू ने भी एसआइटी का गठन कर दिया था।
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