लॉकडाउन में भरन-पोषण की कठिन चुनौती और सफलता की ये कहानियां…

अब ऐसी स्थिति में उन लोगों के लिए क्या किया जाए जिनके समक्ष लॉकडाउन की परिस्थिति ने भरण-पोषण की कठिन चुनौती प्रस्तुत कर दी है? यह सवाल कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉक डाउन के शुरुआती समय में ही केंद्र सरकार के समक्ष आया। जरूरतमंदों की फिक्र से जुड़े इस सवाल पर प्रधानमंत्री के निर्देशन में बिना देर किए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को कार्यान्वित किया गया। इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम ने सरकार और लाभार्थी दोनों को ना सिर्फ संतुष्ट किया है अपितु कोरोना के खिलाफ जंग में यह कारगर सहारा बनकर सामने आया है। बिहार में इस योजना से लाभ प्राप्त करने वालों की अभिव्यक्ति इस बात को रेखांकित करती है।

सब कुछ तो दे ही रही है सरकार

लॉकडाउन की वजह से घर के अंदर के सामान्य दिनों वाले माहौल पर असर पड़ना तो स्वभाविक ही है, चाहे जरूरत की पूर्ति पूरी हो या आधी अधूरी या फिर अभाव की स्थिति। इन तमाम स्थितियों में घर की महिला सदस्य की भूमिका आत्मबल बढ़ाने एवं इसे बनाए रखने में काफी महत्वपूर्ण होती है। इस बात को देश के प्रधानमंत्री जी ने भली-भांति समझा और सरकार के राहत पैकेज में महिला कल्याण को प्राथमिकता दी। यही वजह है कि सरकार के पैकेज से लाभान्वित,खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं, काफी खुश हैं। और वे विशेष रूप से इस सहयोग के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करती हैं। उनका मानना है कि बुरे वक्त में केंद्र सरकार का यह सहयोग उन्हें अपनी समस्याओं के अलावा कोरोना से संघर्ष करने की ऊर्जा देता है।

बिहार के गया जिले के छोटकी नवादा की रहने वाली बेबी देवी लॉकडाउन के दौरान घर गृहस्थी में आई कई कठिनाइयों की वजह से बेहद परेशान हो गई थी। मन में एक ही सवाल कि परिवार का अब कैसे गुजारा होगा? इस वजह से उनके साथ साथ घर के बाकी सदस्य भी उदास रहने लगे थे। इसी बीच उन्हें जानकारी मिली कि केंद्र सरकार की ओर से उनके जन धन खाते में ₹500 तथा गैस खरीद के लिए ₹840 जमा कराए गए हैं। इस खुशखबरी से उन्हें काफी राहत मिली। बेबी प्रसन्न चित्त भाव से यह जानकारी देते हुए कहती हैं कि यह रकम हमारे घर की परेशानी दूर करने के काम आएगी। लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के प्रति भी वे सचेत रहती हैं और संक्रमण से बचाव के लिए चेहरा ढँकी रखती हैं।

 


भागलपुर जिले के दीप नगर क्षेत्र अंतर्गत शंकर टॉकीज चौक के समीप रहने वाली शकुंतला देवी भी उन लोगों में शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2 मदों में आर्थिक सहायता मिली है। इन्हें गैस सिलिंडर के लिए ₹840 तथा जनधन खाते में ₹500 केंद्र सरकार की ओर से जमा कराए जाने की सूचना मिली है। ये बताती है कि उनके घर की स्थिति लॉकडाउन के बीच इतनी खराब हो गई थी कि यदि सरकार से यह सहायता नहीं मिलती, तो दूसरी परेशानियों की तो छोड़िए दो वक्त का खाना भी मुश्किल हो जाता। इस सहयोग के प्रति इन्होंने प्रधानमंत्री जी के प्रति अपना आभार प्रकट किया है।

’चलो खाने की परेशानी तो दूर हुई’

यूं तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के घरों में न्यूनतम जरूरतों के लिए भी बहुत कुछ की दरकार होती है ,लेकिन कुछ ना भी मिले तो चावल और गेहूं से भी वे अपना गुजारा कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ऐसे परिवारों को जन वितरण प्रणाली की दुकान के माध्यम से अतिरिक्त गेहूं तथा चावल उपलब्ध कराया है। बिहार में गरीब परिवारों के लिए यह खाद्यान्न सहयोग काफी उपयोगी साबित हो रहा है। सहरसा जिले के हकपाड़ा क्षेत्र के वार्ड नंबर 12 की रहने वाली चांद देवी को इस योजना के तहत 40 किलोग्राम अनाज मिला है। वे इसे भरण पोषण का अहम सहयोग मानती हैं। मिथिला क्षेत्र की संस्कृति से जुड़ी चांद देवी इस सहयोग के बाद उत्साह पूर्वक अपने काम में जुट गई हैं। अपने खेत में जाकर वह कामकाज देखती है।उन्होंने निश्चल भाव से अपनी मातृभाषा में प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद कहा है।


इसी जिले के बिहार के रहने वाले नौजवान संदीप कुमार गांव में है। लॉकडाउन के दौरान हुई परेशानी ने उनके उत्साह को कम कर दिया था। सरकार से ऐसे संकट के समय में मदद मिलेगी, इसकी उम्मीद उन्हें काफी कम थी। लेकिन जब उनके घर में जन वितरण प्रणाली की दुकान से 50 किलो अनाज और बैंक के अकाउंट में किसान सम्मान निधि योजना के तहत ₹2000 केंद्र सरकार की ओर से जमा कराए गए, तो वे हैरान हो गए। उन्हें यकीन हो गया कि मुसीबत की इस घड़ी में वे तथा उनका परिवार असहाय नहीं है बल्कि भारत सरकार संबल बनकर उनके साथ खड़ी है। इस नौजवान ने इस सहयोग के लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया है।

‘चलो खेत की ओर ’

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों की भी सुधि ले रही है ताकि हमारे अन्नदाता टूटे नहीं बल्कि जहान को आबाद करने में जुट जाएं। बिहार के विभिन्न जिलों में इस योजना के तहत किसानों के खाते में ₹2000 केंद्र सरकार ने जमा कराए हैं। इस सहयोग से ऊर्जान्वित हमारे किसान फिर से खेती से जुड़ गए हैं और प्रधानमंत्री के विश्वास को सार्थक करने में लग गए हैं। बिहार के नवादा जिले के घोसतावाँ गांव के रहने वाले किसान चंद्रिका प्रसाद के खाते में भी ₹2000 आए हैं। इस सहयोग को ये परेशानी के इस दौर में बहुत काम की चीज बताते हुए प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहते हैं। वह सुबह-सुबह अपने खेत में पहुंचकर अपने काम में जुट जाते हैं।