श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भारतीय दौरे पर है. श्रीलंका प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंकवाद दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है. हम दोनों देशों ने इस समस्या का डट कर मुकाबला किया है. साल 2019 के अप्रैल में श्रीलंका में ईस्टर डे पर बर्बर आतंकी हमले हुए थे. ये हमले सिर्फ श्रीलंका पर ही नहीं, पूरी मानवता पर भी आघात था.
आर्थिक, व्यापारिक निवेश पर चर्चा
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की बातचीत में हमने श्रीलंका में संयुक्त आर्थिक परियोजनाओं पर, और आपसी आर्थिक, व्यापारिक, और निवेश संबंधों को बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया. इसके साथ ही पर्यटन को प्रोत्साहन देने, और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी चर्चा की.
राजपक्षे की भारत यात्रा अहम
राजपक्षे की भारत यात्रा को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल में हिंद महासागर स्थित उनके द्वीप देश में चीन की उपस्थिति मजूबत हुई थी जिसने भारत की चिंताएं बढ़ा दी थी.
पीएम मोदी ने कहा, “श्रीलंका में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि भारत के साथ ही पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है.” उन्होंने कहा कि श्रीलंका के विकास में भारत “भरोसेमंद साझेदार” रहा है और वह श्रीलंका की शांति और विकास यात्रा में उसकी सहायता करना जारी रखेगा.
तमिलों की अपेक्षाओं को साकार करने की उम्मीद
मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि श्रीलंका सरकार न्याय, शांति और सम्मान के लिए तमिल लोगों की अपेक्षाओं को साकार करेगी. श्रीलंका के विकास प्रयासों में भारत एक विश्वस्त भागीदार रहा है.
चाहे सुरक्षा हो या अर्थव्यवस्था या सामाजिक प्रगति, हर क्षेत्र में हमारा अतीत और हमारा भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है।श्रीलंका में स्थायित्व, सुरक्षा, और समृद्धि भारत के हित में तो है ही, पूरे हिन्द महासागर क्षेत्र के हित में भी है: PM @narendramodi pic.twitter.com/oZal4qMVsc
— PMO India (@PMOIndia) February 8, 2020
इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने श्रीलंका के प्रधानमंत्री से मुलाकात की. महिंदा राजपक्षे 2005 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति रहे. वह दक्षिण एशिया में सबसे अधिक समय तक राष्ट्रपति रहे नेताओं में से एक हैं. वह 2018 में भी थोड़े समय के लिए प्रधानमंत्री रहे. राष्ट्रपति के तौर पर उनके कार्यकाल में चीन ने हिंद महासागर के द्वीपीय देश में अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे जिससे भारत में चिंताएं बढ़ गई थीं.
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