53 साल की उम्र में इस शिक्षा मंत्री ने 11वीं में लिया एडमिशन, 10वीं पास होने के ताने के बाद लिया पढ़ाई का निर्णय

कहते हैं न कि पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। इसी को सच कर दिखाया है झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने। उन्होंने 53 साल की उम्र में फिर से पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने सोमवार को बोकारो के नावाडीह के देवी महतो इंटर कॉलेज में 11वीं में एडमिशन लिया है।

1100 रूपये शुल्क जमा किये मंत्रीजी

कॉलेज के प्राचार्य दिनेश प्रसाद वर्णवाल ने खुद शिक्षा मंत्री का आर्ट्स संकाय में रजिस्ट्रेशन किया। कॉलेज के कार्यालय कक्ष में जाकर मंत्री महतो ने नामांकन फॉर्म भरा और 1100 रुपये शुल्क के साथ उसे जमा करवाया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह सारा काम देखते हुए सब कुछ करेंगे। ‘क्लास भी करेंगे और मंत्रालय भी संभालेंगे। घर में किसानी का काम भी करेंगे, ताकि मेरे काम को देखकर अन्य लोग भी प्रेरित हों।

आगे पढ़ने का निर्णय क्यों ?

शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब इसी साल जनवरी में उन्होंने पदभार संभाला तो लोगों ने उनपर कमेंट किया। लोगों का कहना था कि भला दंसवी पास व्यक्ति शिक्षा मंत्रालय को कैसे चला पाएगा । इसके बाद से हीं उन्होंने तय किया कि वे आगे की पढ़ाई भी करेंगे।

शिक्षा के लिए उम्र कोई सीमा नहीं-महतो

जगरनाथ महतो ने कहा, शिक्षा हासिल करने की कोई उम्र सीमा नहीं होती। नौकरियों करते हुए लोग आईएएस, आईपीएस की तैयारी करते हैं और सफल भी होते हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके अंदर कुछ करने का जज्बा है। शिक्षामंत्री ने बताया कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयासरत है, सोमवार को ही उन्होंने राज्यभर में 4,416 आदर्श इंटर स्कूल स्थापित करने के लिए विभाग की एक संचिका पर हस्ताक्षर किया है। यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा और राज्य मंत्रिपरिषद से स्वीकृति मिलने के बाद राज्यभर में आदर्श स्कूल स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।

इनके अलावा कई मंत्री और भी मैट्रिक पास

झारखंड में सिर्फ जगरनाथ महतो हीं अकेले दंसवीं पास मंत्री नहीं हैं, बल्कि कई अन्य मंत्री भी इस कतार में हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव में दाखिल शपथ पत्र के अनुसार झारखंड में जगरनाथ महतो के अलावा कई और मंत्री है जो दसवीं पास है। बन्ना गुप्ता ( स्वास्थ्य मंत्री), चंपई सोरेन (परिवहन मंत्री), जोबा मांझी (समाज कल्याण मंत्री) और सत्यानंद भोक्ता ( श्रम मंत्री) भी दसवीं पास है।