सीएम नीतीश कुमार ने वर्चुअल रैली से किया चुनावी शंखनाद. कहा- पिछले 15 साल में पूरी तरह बदल दी बिहार की तस्वीर

बिहार में चुनावी हलचल तेज है. पार्टियां मैदान में उतर चुकी हैं. कोरोना वायरस महामारी के बीच अक्तूबर- नवंबर में बिहार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। कोविड-19 संकट के बीच देश में यह पहला चुनाव होगा। इस दौरान चुनाव बूथ पर सामाजिक दूरी के कड़े नियमों का पालन किया जाएगा।

राजनीतिक रैलियों के आयोजन पर पाबंदी

वहीं, कोरोना के चलते राजनीतिक रैलियों के आयोजन पर पाबंदी लगी है, इसे ध्यान में रखते हुए बिहार में राजनीतिक पार्टियों ने वर्चुअल माध्यम का सहारा लिया है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को वर्चुअल रैली का आगाज किया. इस मौके पर उन्होंने अपने 15 साल के कामों का बखान किया, इस रैली के जरिए सीएम नीतीश कुमार ये बता रहे थे कि कैसे उन्होंने पिछले 15 साल में बिहार की पूरी तस्वीर बदल दी है. कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली के क्षेत्र में काम किए गए हैं. इसी क्रम में नीतीश कुमार ने धार्मिक सीमाओं से आगे जाकर जनता के हित में काम करने की भी बात कही.

8064 कब्रिस्तान में से 6299 की घेरेबंदी

नीतीश कुमार ने कहा, ”हमलोगों ने बिहार में सांप्रदायिक सद्भाव का काम किया है. हमने कब्रिस्तान की घेराबंदी का कार्य किया है. हमने 8064 कब्रिस्तान चिन्हित किए और इनमें से 6299 की घेरेबंदी करा दी गई है.’

226 मंदिरों में पूर्ण चारदीवारी

इसके साथ ही नीतीश कुमार ने ये भी बताया कि मंदिरों की सुरक्षा के लिए भी बाउंड्री कराई गई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 226 मंदिरों में पूर्ण चारदीवारी कराई है, जबकि 112 पर काम जारी है और 48 प्रक्रियाधीन है.

बिहार में इंटरनेट की पहुंच 2019 के अंत तक प्रति 100 लोगों पर 32 ग्राहक है, जबकि देशभर का औसत 54 है। ये भारत के 22 दूरसंचार सेवा क्षेत्रों में सबसे कम है। वहीं, बिहार के ग्रामीण इलाकों में प्रति 100 लोगों पर केवल 22 इंटरनेट ग्राहक हैं। ग्रामीण इलाकों में राज्य की 89 फीसदी आबादी रहती है।

संचार के माध्यमों तक पहुंच के मामले में भी बिहार की स्थिति बहुत दयनीय है। 2015-16 में किए गए चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में 61 फीसदी महिलाओं और 36 फीसदी पुरुषों की जनसंचार माध्यमों तक पहुंच नहीं थी।

बाढ़ की वजह से 16 से भी ज्यादा जिले प्रभावित

नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में बाढ़ की वजह से 16 से भी ज्यादा जिले प्रभावित हुए. हम एयर ड्रॉपिंग के माध्यम से लोगों को राशन पहुंचा रहे हैं. सामुदायिक रसोई के माध्यम से सब को खाना खिलाया जा रहा है. जरा याद कीजिये कि आपदा के वक्त पहले क्या करते थे. बाढ़ आया, फिर सूखा आया, फिर बाढ़ आया. 83 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ प्रभावित हुए. सामुदायिक किचन से पूरे राज्य में 10 लाख लोगों को खाना खिलाया

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि अन्य राज्यों से लौटे लोगों को रोजगार के भी इंतजाम किए गए. उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए कानून तक में बदलाव किए जा रहे. नई नीतियां बनाई गई. लाखों लोगों को काम दिया गया .

बिहार में प्रतिदिन एक लाख 50 हजार से ज्यादा कोरोना जांच

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बिहार में प्रतिदिन एक लाख 50 हजार से ज्यादा कोरोना जांच हो रही है. सबसे ज्यादा जांच एंटीजन टेस्ट से हो रही है. जांच में शीघ्रता के लिए राज्य सरकार 10 आरटीपीसीआर मशीन खरीद रही है. राज्य में पर्याप्त संख्या में आईसीयू बेड हैं. अस्पताल हर स्थिति के तैयार हैं. मेडिकल किट, डॉक्टर से परामर्श सुविधा, कॉल सेंटर के माध्यम से भी लोगों को परामर्श दिया जाता है.

अपराध के मामले में 23 वें नंबर पर बिहार

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग अपराध पर बिना कुछ जाने ही कुछ लोग कहते रहते हैं. हकीकत यह है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 2018 के राष्ट्रीय औसत में अपराध के मामले में बिहार 23 वें नंबर पर है.उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सामूहिक नरसंहार का दौर मुझे याद है. मैं सबको कहूंगा पुराना फोटो निकालकर देखें. उन दिनों में गाड़ी से हथियार लेकर लोग सरेआम निकलते थे. अब क्राइम पर जीरो टालरेंस है.

लॉकडाउन के दौरान 23 लाख 38 हजार लोगों का राशन कार्ड

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में लॉकडाउन के दौरान 23 लाख 38 हजार लोगों का राशन कार्ड बनवाया गया. जिन्हें 1000 रूपए की सहायता राशि दी गई. सस्ते में राशन दिया गया. लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों के साथ बेहतर तालमेल रहा. उनके लिए 1000 रूपए की मदद राशि दी गई. 20 लाख लोगों को मदद की गई.