लॉकडाउन से केंद्र सरकार ने लिया सबक, पहली बार देशव्यापी श्रमगणना की तैयारी में केंद्रीय श्रम मंत्रालय, जनवरी 2021 में कराएगी श्रमगणना

देश में कोरोना महामारी के दौरान कई राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस पैदल अपने घर लौटने को मजबूर होना पड़ा था. मजबूरी में मजदूर पैदल चलकर अपने राज्य लौटे और काम ना होने पर फिर महानगरों की ओर उन्होंने रुख किया। इस बीच कितने मजदूर अपने घर वापस लौटे और कितने फिर वापस काम पर आए. लेकिन इसका कोई सरकारी आंकड़ा सरकार के पास नहीं है।

अब देश में हर पेशे से जुड़े व्यक्ति की गणना करेगा

लोकसभा में एक सवाल के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा था। लेकिन अब सरकार ने इससे सबक लेकर भविष्य के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है। पहली बार केंद्रीय श्रम मंत्रालय देशव्यापी श्रमगणना की तैयारी करने जा रहा है। मंत्रालय के तहत काम करने वाला लेबर ब्यूरो अब देश में हर पेशे से जुड़े व्यक्ति की गणना करेगा। इसमें देश में कितने डॉक्टर हैं, कितने इंजीनियर हैं, कितने वकील और सीए हैं के साथ-साथ कितने मजदूर, माली, कुक और ड्राइवर की गणना को भी शामिल किया जाएगा। जनवरी 2021 से सर्वे की शुरुआत हो सकती है।

यह गणना वैज्ञानिक सर्वे के आधार पर की जाएगी

कमिटी के सदस्य और श्रम ब्यूरो के महानिदेशक डीपीएस नेगी ने बताया कि यह गणना वैज्ञानिक सर्वे के आधार पर की जाएगी। अभी यह गिनती हर छह महीने और भविष्य में हर तीन महीने में की जाएगी  सर्वे के तरीके पर अगले 15 दिन में स्पष्ट नीति बनेगी।  उन्होंने बताया कि सर्वे में जिला स्तर पर फैक्ट्री, दफ्तर, अस्पताल और आरडब्ल्यूए जैसे संस्थानों से पेशेवरों का आंकड़ा लिया जाएगा। इसके साथ हर जिले में सीमित हाउसहोल्ड सर्वे भी किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि आंकड़ा जिला, राज्य और केंद्र स्तर पर तैयार किया जाएगा। सर्वे टीम का प्रशिक्षण भी अगले दो महीने में पूरा किया जाएगा।