ओमीक्रोन ने बिहार में दिया दस्तक, बढ़ी राज्य सरकार की चिंताएं।

अभी तक बिहार में कोरोना के मरीज ही मिल रहे थे। पर बिहार वासियों के लिए एक बुरी खबर सामने आ चुकी है।
पटना, गया सहित 7 जिलों में पहुंच चुका है ओमिक्रॉन, अफ्रिकी वैरिएंट ने भी दस्तक दे दी है। तीसरी लहर में पहली बार 24 घंटे में 3 लोगों की मौत हुई है।
बिहार में अब ओमिक्रॉन की रफ्तार तेज होने लगा है। रविवार को आई जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग की नींदें उड़ा दी हैं। इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में कोरोना से पीड़ित 32 लोगों के सैंपल की जिनोम सिक्वेंसिंग की रिपोर्ट में 27 लोगो में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। इसमें नौ डॉक्टर भी शामिल हैं। जिन सैंपलों की जिनोम सिक्वेंसिंग की गई है उसमें 85 फीसदी लोगो में ओमिक्रॉन, 12 फीसदी लोगो में डेल्टा और तीन फीसदी लोगो में अन्य वायरस मिलने की पुष्टि हुई है।1
ओमिक्रॉन से संक्रमित मरीजों की उम्र 19 से 72 वर्ष के बीच है। जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए पटना, IGIMS, मधुबनी, शेखपुरा, बक्सर, वैशाली, गया, पूर्वी चंपारण, दानापुर और गया के मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों के सैंपल लिए गए थे। ये सभी सैंपल 29 दिसंबर 2021 से 03 जनवरी 2022 के बीच IGIMS में कलेक्ट किए गए थे।

राज्य में अब तक 28 लोगों में ओमिक्रॉन की पुष्टि हो चुकी है। राज्य में दूसरी बार जिनोम सिक्वेंसिंग में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है। इससे पहले किदवईपुरी के रहने वाले युवक को ओमिक्रॉन हुआ था। वह इंग्लैंड से दिल्ली आए अपने भाई से मिलने गया था। पटना जिले के 17 सैंपल की जांच में एक में डेल्टा और 16 में ओमिक्रॉन पाया गया है। इसके अलावा मधुबनी, शेखपुरा, बक्सर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और गया में ओमिक्रॉन की पुष्टि हुई है।