सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच मामले को हाईकोर्ट में किया ट्रांसफर, शुक्रवार को करें सुनवाई

दिल्ली में बीजेपी नेताओं अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने इन नेताओं के भड़काऊ भाषणों के रिकॉर्ड दिल्ली हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करे.

कोर्ट ने याचिककर्ता को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर को उनके बयान के लिए कड़ी फटकार लगाई. प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की बेंच ने कोई भी आदेश देने से पहले याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के बयान का ही ट्रांस्क्रिप्शन मांगा. मंदर ने पहले कहा था कि सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है, फिर भी हम वहां जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि हम हर्ष मंदर को नहीं सुनेंगे. सिर्फ कॉलिन गोंजाल्विस को सुनेंगे. बता दें कि सीनियर वकील कॉलिन गोंजाल्विस दंगा पीड़ितों की तरफ से कोर्ट में पेश हुए हैं. कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि बीजेपी सांसद परवेश वर्मा के ’गोली मारो’ बयान ने लोगों को उकसाने का काम किया. गोंजाल्विस ने कहा, ’नेताओं के भड़काऊ बयानों से ही लोग आक्रोशित हुए और हिंसा भड़की. रोजाना 10 लोग मर रहे हैं.’ इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि गोंजाल्विस गैर-जिम्मेदाराना बातें कर रहे हैं. 10 लोगों के रोज मरने की बात बिल्कुल गलत है.

किसी के गिरफ्तार करने से रूक जाती हिंसा ?

इस पर सुनवाई करते हुए सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि हमने भी दंगे देखे हैं. आपका ये बयान कि किसी को गिरफ्तार करने से हिंसा रुकेगी, ये लॉजिकल नहीं लगता. मुंबई हिंसा में हमने देखा है. मुंबई में शाखा प्रमुख को गिरफ्तार किया गया, तो हिंसा भड़क गई थी. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अगर आप नेताओं को पकड़कर जेल में बंद कर देते हैं, तो समर्थक और आक्रोशित हो जाते हैं. कपिल मिश्रा के खिलाफ याचिका क्यों?