यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस निकालने में जो देश करेगा भारत की मदद भारत देगा उसका साथ।

यूक्रेन और रूस के युद्ध को आज अमेरिका के राष्ट्रपति ने लोकतंत्र और तानाशाह का युद्ध बताया है। अपने बयान में अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि रूस यूक्रेन को अकेला न समझे अमेरिका हर मोड़ पर यूक्रेन के साथ है। इसके साथ ही अमरीकी राष्ट्रपति बाइडेन ने यूक्रेन के नागरिकों की तारीफ करते हुए कहा कि यूक्रेन के लोग वाकई काफी बहादुर है अपने देश के लिए यूक्रेन वासियों का योगदान काबिले तारीफ है। रूस और यूक्रेन के बीच लगातार चल रहे युद्ध का आज सातवां दिन है 7 दिनों के भयंकर और विनाशकारी युद्ध के बाद भी रूस जंग को रोकने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। रूस यूक्रेन युद्ध के बीच अब अमेरिका और नाटो जैसे देशों का सीधे सीधे हस्तक्षेप करना तृतीय विश्व युद्ध की ओर इशारा करने लगा है विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्ध में अमेरिका या ना तो जैसे देश दस्तक देते हैं तो फिर पूरी दुनिया को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। जहां पूरा विश्व दो पक्षों में बंटने लगा है ऐसे में भारत का क्या रुख होता है यह देखने वाली बात होगी। हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत कोई भी स्टेटमेंट देने से बचता नजर आ रहा है। एक तरफ जहां रूस भारत का पुराना दोस्त है वहीं दूसरी तरफ अमेरिका से भी भारत की दोस्ती काफी अच्छी है। चीन का रूस के खेमे में जाना भारत की परेशानियों को बढ़ाता जरूर नजर आ रहा है। परंतु इसके बाद भी अभी तक भारत सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया गया है कि युद्ध जैसे हालातों में भारत किस का साथ देगा। रूस के द्वारा किए जा रहे लगातार यूक्रेन पर बमबारी के कारण यूक्रेन की हालत काफी नाजुक बनी हुई है। यूक्रेन के कई शहर खंडहरों में तब्दील हो गए हैं। फिलहाल भारत की ओर से यकृत के लिए मदद का हाथ बढ़ाया गया है।

आपको बता दें कि भारत ने यूक्रेन को मानवीय सहायता की पहली खेप भेजी।

भारत ने मानवीय सहायता के तौर पर यूक्रेन को पोलैंड के रास्ते दवाओं और अन्य राहत सामग्री की पहली खेप मंगलवार को भेजी। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को बताया कि बुधवार को एक अन्य विमान से पूर्वी यूरोपीय देश को सहायता की दूसरी खेप भेजी जाएगी। उन्होंने कहा, “पोलैंड के जरिए यूक्रेन को मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर एक विमान सुबह रवाना हुआ।

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्राओं को सही सलामत भारत लाने के लिए भारतीय वायु सेना है पूरी तरह तैयार।

यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध में भारत के कई छात्र भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सही सलामत भारत लाने के लिए भारत सरकार पूरी तरह तत्पर नजर आ रही है। यही कारण है कि भारत सरकार ने भारतीय वायु सेना के ग्लोब मास्टर को अब मोर्चा संभालने के लिए मैदान में उतार दिया है। भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने बताया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वायु सेना का सी-17 विमान बुधवार की सुबह चार बजे रोमानिया के लिए रवाना होगा। विमान दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस से उड़ान भरेगा।

भारत का कोई भी छात्र नहीं है कीव में मौजूद।

रूस लगातार यूक्रेन की राजधानी क्योंकि नागरिकों से अपील कर रहा है कि वह शहर छोड़कर दूसरे जगह चले जाएं। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कीव पर रूस मिसाइल से हमला कर सकता है। ऐसे में कीव में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमारे सभी नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है, हमारे पास जो जानकारी है उसके मुताबिक कीव में हमारे और नागरिक नहीं हैं, वहां से हमें किसी ने संपर्क नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम जल्दी से जल्दी अपने नागरिकों को संघर्ष क्षेत्र से बाहर निकालेंगे और नवीन शेखरप्पा का शव वापस लाएंगे, हम इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि आज दोपहर मैंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों से अलग-अलग बात की। दोनों नेताओं से मैंने यूक्रेन के खारकीव और अन्य इलाकों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और तत्काल निकासी की मांग दोहराई।

यूक्रेन में फंसे हुए हैं 8000 भारतीय छात्र।

श्रृंगला ने कहा कि हमारे अनुमान के अनुसार जब हमने पहली एडवायजरी जारी की ती तब यूक्रेन में 20 हजार भारतीय छात्र थे। इनमें से लगभग 12 हजार छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं। बाकी बचे आठ हजार छात्रों में से करीब आधे खारकीव और सूमी में हैं और बाकी आधे या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच चुके हैं या इस ओर आगे बढ़ रहे हैं।