सोनू की फरियाद पर मदद को आगे बढ़े कई हाथ, पर उनका क्या जो नही उठा पाते अपना आवाज??

बिहार के नालंदा का रहने वाला 11 वर्षीय सोनू कुमार की इन दिनों हर तरफ चर्चा है। दरअसल बीते दिनों सोनू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सार्वजनिक तौर पर पढ़ाई करवाने के लिए गुहार लगाई थी। जिसके बाद लोगों ने इस बालक की खूब सराहना की थी। सोनू ने सीएम से कहा था की वो पढ़ना चाहता है लेकिन उसके अभिभावक उसे पढ़ाते नहीं है। जिसके बाद अब इस बच्चे के समर्थन में फिल्म जगत के लोग भी आ गए हैं।

सोनू के समर्थन में पूजा भट्ट का ट्वीट
पूजा भट्ट ने 11 साल के सोनू का समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा की जब कोई बच्चा टूटी हुई व्यवस्था को समझने की कोशिश करता है और ऐसी ही विकट परिस्थितियों से गुजरता है तो वो तबाह हो जाता है। उन्होंने अपने पोस्ट में सोनू का सीएम से गुहार लगाते हुए वीडियो भी लगाया।

गौहर खान उठाना चाहती है पढ़ाई का खर्च
पूजा भट्ट के बाद गौहर खान ने भी ट्वीट करते हुए कहा की वह सोनू की पढ़ाई का खर्च उठाना चाहती हैं। उन्होंने कहा की सोनू एक उज्ज्वल और होनहार बच्चा है जिसके पास अ एक विज़न है। ऐसे अद्भुत बच्चे हमारा भविष्य है, हमलोगों को इसकी मदद करनी चाहिए। गौहर खान ने सोनू से संपर्क करने के लिए लोगों से ट्विटर द्वारा डिटेल्स भी मांगा है।

कई संगठन भी आए आगे
इन सबके अलावा कई सामाजिक संगठन एवं शिक्षण संस्थान ने भी सोनू की मदद करने की घोषणा की है। सोनू के बेहतर पढ़ाई के लिए उसका नामांकन प्राइवेट संस्थान में भी कराने का भरोसा दिया गया है। इतना सब कुछ होने के बाद भी अभी तक किसी भी सरकारी विभाग की तरफ से सोनू के संबंध में किसी तरह की कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

14 मई को कल्याण बिगहा पहुंचे थे नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 14 मई को अपनी पत्नी की 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर नालंदा के हरनौत ब्लॉक स्थित अपने पैतृक गांव कल्याण बिगहा पहुंचे थे। जहां मुख्यमंत्री ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सीएम ने कल्याण बिगहा मध्य विद्यालय में ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी।

सीएम से लगाई थी गुहार 

सीएम से लगाई थी गुहार
मुख्यमंत्री जब लोगों से संवाद कर रहे थे उसी दौरान एक 11 वर्षीय बालक जिसने अपना नाम सोनू कुमार बताया, वो सीएम को आवाज लगाने लगा। सर, सुनिये ना… सर सुनिये ना… जब मुख्यमंत्री ने बालक की आवाज सुनी तो ठहर गये। सोनू ने नीतीश कुमार से कहा कि वो पढ़ना चाहता है पर उसके अभिभावक पढ़ाते नहीं है। इसलिए सीएम से उसने सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगायी। सोनू ने बताया कि वो पढ़ाई करके आईएएस-आईपीएस बनना चाहता है लेकिन उसके पिता पढ़ाई नहीं कराते हैं।

मुख्यमंत्री जब लोगों से संवाद कर रहे थे उसी दौरान एक 11 वर्षीय बालक जिसने अपना नाम सोनू कुमार बताया, वो सीएम को आवाज लगाने लगा। सर, सुनिये ना… सर सुनिये ना… जब मुख्यमंत्री ने बालक की आवाज सुनी तो ठहर गये. सोनू ने नीतीश कुमार से कहा कि वो पढ़ना चाहता है पर उसके अभिभावक पढ़ाते नहीं है। इसलिए सीएम से उसने सरकारी स्कूल की जगह प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराने की गुहार लगायी। सोनू ने बताया कि वो पढ़ाई करके आईएएस-आईपीएस बनना चाहता है लेकिन उसके पिता पढ़ाई नहीं कराते हैं।

पर बिहार का सोनू अकेला ऐसा बालक नही जो चाह कर भी परिस्थिति वश पढ़ाई नहीं कर सकता। अगर आप तलाश करेंगे तो आपको बिहार क्या पूरे भारत में ऐसे कई युवा मिलेंगे जो पढ़ना तो चाहते हैं। पर किसी के परिवार की आर्थिक स्थिति तो किसी की कोई दूसरी परिस्थिति उसे इसकी मंजूरी नहीं देती।

अगर बात करे भारत सरकार के 2011 जनगणना डेटा कि तो देश में 8.4 करोड़ बच्चे आज भी स्कूलों से वंचित है। इनमें 57 फीसद लड़के तो वहीं 43 फीसद लड़कियां शामिल हैं।

सरकार को चाहे वह राज्य की हो या केंद्र कि भारत के युवाओं की इस समस्या के प्रति गंभीरता से चिंतन और इस समस्या का जड़ से निदान करना बेहद आवश्यक है। तभी आने वाले दिनों में भारत का हर युवा बेहतर बन सकेगा तथा तभी भारत का डंका पूरे विश्व में बज सकेगा।