इजरायल एवं फिलिस्तीन में बढती हिंसा से दुनिया भर के लोगों को गहरा दर्द और पीड़ा, IMPAR ने भारत सरकार से हस्तक्षेप की अपील की

पूर्वी यरुशलम , गाजा और फिलिस्तीन के अन्य हिस्सों में बढती हिंसा ने दुनिया भर के लोगों को गहरा दर्द और पीड़ा दी है। गौरतलब है कि माहे रमजान के आखिरी दिनों में अल अक्सा मस्जिद में इजरायली सुरक्षा बलों का जबरन प्रवेश और यरुशलम के शेख जर्राह में फिलिस्तीनी परिवारों को उनके घरों से बेदखल करने का प्रयास, भारत और दुनिया भर में  गंभीर चिंता का विषय है। IMPAR ने रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री को पत्र लिख कर दोनों पक्षों को हो रहे इस संघर्ष को तुरंत समाप्त करने के लिए राज़ी करे। इससे इस क्षेत्र में युद्ध का गंभीर खतरा बढ़ता जा रहा है।

IMPAR ने सरकार को लिखे अपने पत्र में कहा है कि इजरायल के यहोदियों की तरह, फिलीस्तीनी और अरब इजरायलयों को इज्ज़त और सुरक्षा के साथ जीने का अधिकार है। फिलिस्तीन के लोगों की सुरक्षा और गरिमा को दशकों से इजरायल द्वारा लगातार रौंदा जा रहा है। अरब और फिलीस्तीनियों का एक बड़ा वर्ग पूर्वी यरुशलम में स्थायी निवासी के तौर पर दीगर इजरायली नागरिकों के साथ रह रहा है। फिलहाल इजरायल में अरब नागरिकों को अपने साथी यहूदी नागरिकों के मुकाबले में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

“गाजा की लगातार नाकेबंदी, कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में फिलिस्तीनी ज़मीन पर बढ़ता कब्जा, फिलिस्तीनी जीवन और संपत्ति के लिए पूरी तरह से अवहेलना, इजरायल में और खास तौर पर पूर्वी यरुशलम में अरब और फिलिस्तीनी नागरिकों के शांतिपूर्वक रहने के अधिकार का उल्लंघन इसके साथ सभी पक्षों से भड़काऊ बयानबाजी ने पूरे क्षेत्र में भावनाओं को भड़काया है।”  इसपर IMPAR ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल रक्षा बलों द्वारा गाजा पर हवाई हमलों और हमास द्वारा रॉकेटों के बैराज के परिणामस्वरूप निर्दोष मानव जीवन का दुखद नुकसान हुआ है और सार्वजनिक संपत्ति के साथ बुनियादी ढांचे का भी विनाश हुआ है।

गौरतलब है कि जब कभी फिलीस्तीन को किसी सहायता की आवश्यकता हुई है, भारत सरकार उनके साथ खड़ी रही है। वहीं भारत ने पिछले कुछ वर्षों में इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों और सुरक्षा संबंधों को भी मजबूत किया है। हालांकि, मौजूदा हालात के मध्यानाज़र, भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। IMPAR ने सरकार से अपील करते हुए कहा है कि भारत सरकार अपने प्रभाव और संबंधों का लाभ उठाते हुए दोनों पक्षों से शत्रुता और हमलों को तुरंत रोकने के लिए उनसे आग्रह करें।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (‘यूएनएससी’) का अध्यक्ष होने के नाते, भारत की वैश्विक मुद्दों में महत्वपूर्ण भूमिका बन जाती है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, लोकतंत्र और मानवाधिकार को मजबूत करना आदि। इसके अलावा, भारत को विश्व राजनयिक मामले और क्षेत्रीय संघर्ष के एक मध्यस्थ या सुलहकर्ता के रूप में, दोनों पक्षों को यूएनएससी संकल्प संख्या 2334 दिनांक 23.12.2016 का पालन करने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।

IMPAR ने भारत सरकार से अपने प्रभाव और संबंधों का लाभ उठाने और UNSC के अन्य सदस्यों के साथ समन्वय करने का आग्रह किया ताकि इजरायल और फिलिस्तीन में शांति बहाल करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया जा सके।