cpc की बैठक में चीन ने दिखाया गलवान झड़प का अधुरा सच, भारतीय सैनिको की ताकत के आगे नतमस्तक हुआ चीन,,,,,,,

चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं कांग्रेस की बैठक में गलवान झड़प का वीडियो दिखाया गया। साथ ही CPC की बैठक में चीन का सैन्य कमांडर की फबाओ PLA की ओर से शामिल 304 प्रतिनिधियों में शामिल हुआ। फबाओ जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हो गया था। शी और अन्य नेताओं के कार्यक्रम स्थल में ‘ग्रेट हॉल ऑफ पीपल’ पहुंचने से पहले बड़ी स्क्रीनों पर गलवान संघर्ष के वीडियो फुटेज चलाए गए, जिसमें की फबाओ शामिल था।

2020 से पूर्वी लद्दाख में टकराव की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति शी जिनपिंग की योजना भारतीय सैन्य बलों के लिहाज से भी गौर करने वाली लगती है। चीन की पीएलए की हमले वाली कार्रवाइयों के कारण मई 2020 में टकराव पैदा हुआ था, जिसके बाद द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था। दोनों पक्षों ने 16 दौर की वार्ता के माध्यम से कुछ मुद्दों का हल निकाला है। बाकी लंबित विषयों के समाधान के लिए और अधिक बातचीत करने पर सहमत हुए हैं।

वीडियो फुटेज में फबाओ भारतीय सेना की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। पीएलए की ओर से इसे सीमा पर बढ़ते तनाव के समय रिकॉर्ड किया गया था, जो कि गलवान हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया। मालूम हो कि झड़प के दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। भारत के जवानों ने भी चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। झड़प में 4 चीनी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया जाता है। शी ने स्थानीय जंग और सीमा मुद्दों का जिक्र करते हुए किसी देश विशेष का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘हम सैन्य प्रशिक्षण तेज करेंगे और हर स्तर पर लड़ाकू तैयारियों को बढ़ाएंगे ताकि हमारे सशस्त्र बल लड़ें और जीतें। 2027 में पीएलए के पूर्ण सत्र के लक्ष्यों को प्राप्त करना व चीन के सशस्त्र बलों को और अधिक तेजी से विश्वस्तरीय मानकों तक पहुंचाना आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण के लिए रणनीतिक कार्य हैं।’

जिनपिंग ने कहा, ‘हम रणनीतिक प्रतिरोध की मजबूत प्रणाली स्थापित करेंगे, नई लड़ाकू क्षमताओं के साथ नए क्षेत्रीय बलों का अनुपात बढ़ाएंगे। मानवरहित व लड़ाकू क्षमताओं के विकास को गति प्रदान करेंगे और नेटवर्क सूचना प्रणाली के विकास को बढ़ावा देंगे। हम संयुक्त परिचालनों के लिए कमान प्रणाली को डेवलप करेंगे। निगरानी और त्वरित चेतावनी, संयुक्त हमलों, युद्ध क्षेत्रों में सहयोग व एकीकृत साजो-सामान समर्थन के लिए अपनी प्रणाली और क्षमता का विस्तार करेंगे।’