COP28 में शामिल होने दुबई पहुंचे PM मोदी, बोले-‘जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में ग्लोबल साउथ के हितों से समझौता नहीं होना चाहिए’

COP28 क्लाइमेट समिट में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 30 नवंबर की रात दुबई पहुंचे। होटल के बाहर इंडियन डायस्पोरा ने PM मोदी का स्वागत किया। PM ने सभी से मुलाकात की और हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया। इस दौरान एक डांस ग्रुप ने परफॉर्मेंस भी दी। PM ने कुछ देर खड़े होकर डांस देखा और कलाकारों की तारीफ की। इसके अलावा मोदी ने युवाओं और महिलाओं से भी मुलाकात की।

PM आज दुबई में वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट को करेंगे संबोधित

PM आज दुबई में वर्ल्ड क्लाइमेट एक्शन समिट को संबोधित करेंगे। इसके अलावा 3 अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि PM मोदी UAE के साथ ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से जुड़े एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मजबूत वैश्विक सहयोग की जरूरत

वहीं दुबई में वहां के स्थानीय अखबार एतिहाद से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मजबूत वैश्विक सहयोग की जरूरत है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ग्लोबल साउथ (वैश्विक दक्षिण) के देशों के हितों से समझौता नहीं होना चाहिए

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चुनौती

दुबई के अखबार के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत अकेला ऐसा देश है जिसने नेशनल डिटरमाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन (National Determined Contribution) के अपने लक्ष्य को पूरा किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वह हमेशा कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चुनौती है और इसके खिलाफ पूरी दुनिया को एकजुट होना पड़ेगा। यह जरूरी है कि विकासशील देशों को समस्या  पैदा करने वाले देश नहीं माना जाना चाहिए। विकासशील देश भी समस्या को सुलझाने में योगदान करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वित्तीय और तकनीकी मदद दिए बिना यह संभव नहीं है। यही वजह है कि मैंने हमेशा इस बात की वकालत की है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय और तकनीक के ट्रांसफर के लिए वैश्विक सहयोग बेहद जरूरी है।’

भारत ने इस दिशा में कई कदम उठाए

प्रधानमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। इसके तहत मिशन लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट मिशन की शुरुआत की गई है। इसके तहत लोगों को पर्यावरण सहयोगी जीवन अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रधानमंत्री ने ये भी बताया कि भारत ने पर्यावरण को देखते हुए ही जनवरी 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की है। इसके तहत ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और इसके इस्तेमाल के साथ ही इसके निर्यात के लिए भारत को ग्लोबल हब बनाने की योजना है। पीएम मोदी ने एतिहाद से बातचीत में कहा कि भारत का लक्ष्य है कि साल 2030 तक देश में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को 5 एमएमटीपीए तक ले जाया जाएगा। हालांकि इसके लिए करीब 100 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।