देश में ड्रग्स सप्लाई के लिए नया रूट बनाने वाले ,1 लाख के इनामी कुख्यात ड्रग्स तस्कर को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक लाख के इनामी कुख्यात ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पंकज उपाध्याय उर्फ पंकज शर्मा 2018 से बेल पर रिहा होने के बाद फरार चल रहा था.। ACP राजेश कुमार और इंस्पेक्टर पंकज कुमार की टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम देते हुए, कुख्यात पंकज को बरेली से गिरफ्तार किया।

हालांकि पंकज उपाध्याय पर ड्रग्स तस्करी के कई मामले दर्ज हैं। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने 2014 में पंकज उपाध्याय को  गिरफ्तार किया था। जिसके बाद 2018 में वह पत्नी की बीमारी के आधार पर 1 महीने अंतरिम जमानत लेने में सफल रहा था। वहीं जमानत पर बहार आने के बाद पंकज उपाध्याय वापस नहीं लौटा। इसके बाद पुलिस ने पंकज के खिलाफ एक लाख रुपए का ईनाम घोषित किया।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम को 10 जून 2021 को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिये जानकारी मिली कि पंकज उपाध्याय मीरगंज के गुलेरिया गांव में छिपा हुआ है। दिल्ली पुलिस की टीम ने 2 दिन के इंतजार के बाद 12 जून को पंकज उपाध्याय पुलिस को बेलरो कार में नजर आया। पुलिस ने बताया कि जब उसे रोका गया और सरेंडर करने के लिए कहा गया, तब पुलिस स्टाफ को देखते ही आरोपी उसकी बोलेरो कार से कूद गया और गांव की गलियों में भागने लगा। कुछ देर पीछा करने के बाद टीम ने आरोपी को पकड़ लिया और यह देख स्थानीय ग्रामीण व आरोपी के परिजन मौके पर जमा हो गए और आरोपी को पुलिस की हिरासत से भागने में मद्द करी जिससे कुख्यात भागने में सफल रहा।  पुलिस ने बिना उम्मीद खोए फिर से आरोपी पंकज का पीछा किया और इस बार आरोपी को एक घर में घेरा बंदी कर पकड़ने में कामयाब रही। गौरतलब है कि ग्रामीणों और आरोपी के रिश्तेदारों के हस्तक्षेप के बावजूद पुलिस ने उसे उसके गांव से पकड़ा।

तस्कर अपने खोजे नए रस्ते से करता था तस्करी

पंकज पर मणिपुर के रास्ते भारत मे ड्रग्स सप्लाई करने का आरोप है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पंकज वो शख्स है जिसने म्यांमार, मणिपुर के रास्ते ड्रग्स सप्लाई रूट को इजात किया था और सबसे पहले इस रूट से भारत में ड्रग्स सप्लाई करने वाला शख्स है।

पंकज उपाध्याय शुरुआती दौर में बरेली के रहने वाले जावेद नाम के शख्स के इशारे पर छोटी मात्रा में ड्रग्स सप्लाई करता था। लेकिन 2003 में UP पुलिस ने इसको 10 किलोग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। तब से ये 2009 तक जुडिशल कस्टडी में था। उस दौरान ही इसने पुलिस को अपना नाम पंकज शर्मा बताया था और उस नाम के डाक्यूमेंट्स भी इसके पास थे।