सरकार का मिला सहयोग तो ऐसे बढ़ा इनका हौसला , लॉकडाउन के बीच पढ़े सफलता की कहानी

लॉक डाउन के समय में केंद्र सरकार ने जरूरतमंदों की परेशानी को कम करने के लिए सहयोग के रूप में जो भी कदम उठाए हैं, उससे बिहार में लाभान्वित लोगों को न सिर्फ काफी सुकून मिला है अपितु इनके हौसले भी बढे हैं। देश के विकास में अपनी मेहनत से रंग भरने वाले हमारे अन्नदाताओं का उत्साह नाउम्मीदी की जगह मजबूत उम्मीद का भाव प्रकट कर रहे हैं। वहीं आधी आबादी का वह तबका जो अपनी अधिक उम्र के कारण स्वयं कई कठिनाइयों का सामना कर रही है, उनके अंदर भी कोरोना संक्रमण काल में सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का संकल्प स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है। सुबे बिहार में प्रधानमंत्री के कुशल निर्देशन में इस बात का भरोसा हर जगह सुनने और देखने को मिलने लगा है कि इस मुसीबत से हमें निजात मिलेगी और देर सबेर हम होंगे कामयाब एक दिन।

सूखी रोटी खाएंगे और कोरोना को भगाएंगे

बिहार में अधिकांश लोगों तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद्यान्न एवं गैस के पैसे पहुंच गए हैं। इसके अलावा जनधन खाते में ₹500 एवं किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि योजना के तहत ₹2000 भी डाल दिए गए हैं। ऐसे लाभार्थियों ने इस सहयोग से अपनी बड़ी परेशानी जो कि लॉकडाउन को लेकर उनके सामने उपस्थित हो गई थी,उसे काफी हद तक कम करने में सफलता पाई है। केंद्र सरकार के इस सहयोग से इनके अंदर आगे की कोरोना के खिलाफ जंग को लेकर एक मजबूत उत्साह का संचार हुआ है।

इस परेशानी के दौर में देश में अनाज का संकट नहीं हो, इसके प्रति गंभीर हमारे अन्नदाता किसान लॉकडाउन के दौरान मिली छूट का सदुपयोग कर रहे हैं। वे दूनी मेहनत करके अपने खेत को फिर से ऊर्जान्वित करने में लगे हुए हैं। एक तो काम करने की छूट और साथ में केंद्र सरकार की ओर से खाते में भेजी गई ₹2000 की आर्थिक सहायता से किसानों का मनोबल काफी बढ़ा है। रोहतास जिले के सासाराम गोसाईपुर के निवासी किसान नंदलाल पासवान के जज्बे कुछ ऐसी ही सोच को बयान करते हैं। केंद्र की ओर से किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनके बैंक खाते में ₹2000 डाले गए हैं। अपने खलिहान में सक्रिय नंदलाल बताते हैं कि संकट काल में हमारे प्रधानमंत्री ने निर्धन परिवार एवं किसानों की जिस तरह से सहायता की है वह सराहनीय है। इसका प्रतिदान तो नहीं हो सकता, लेकिन कोरोना के खिलाफ संघर्ष में हम सभी अपने प्रधानमंत्री के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। हमलोग सूखी रोटी खाएंगे लेकिन कोरोना को भगाएंगे। इस किसान ने लॉकडाउन और प्रधानमंत्री के प्रयास को सही कदम बताते हुए सबों से इसके पालन की अपील भी की है।

केंद्र की सहायता ने मुरझाए चेहरे पर लौटी मुस्कान

अररिया जिले की नीता मोसमात ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानी झेली है। जब आस-पड़ोस के लोग खुद परेशान हो तो फिर उससे क्यों और कैसे मदद की आस की जाए ? वैसे तो पहले से ही इन्होंने कम तकलीफें नहीं झेली है, इस पर लॉक डाउन की बंदिशों ने इनकी मुश्किल किस हद तक बढ़ा दी होंगी, इसे महसूस ना सही पर समझा जरूर जा सकता है। लेकिन ऐसी विषम परिस्थिति में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना इनका सहारा बनी। इसके तहत इनके बैंक खाते में गैस सिलेंडर की खरीद के लिए ₹840 भेजे गए। इसके अतिरिक्त अन्य सहायता भी इन्हें मिली। इस सहायता ने इस बुजुर्ग महिला की तकलीफों को दूर करने में अहम भूमिका निभाई। इसे व्यक्त करने के लिए इन्हे शब्दों का सहारा नहीं लेना पड़ा बल्कि इनके मुरझाए चेहरे पर आंतरिक खुशी की वजह से खिली मुस्कान ने खुद ब खुद सब कुछ बयां कर दिया। घर आई अपनी इस खुशी के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री के प्रति दिल से आभार प्रकट किया।


छपरा के सरायबक्स गांव की निवासी बुजुर्ग महिला कलावती देवी का स्वास्थ्य उन्हें पहले से ही परेशानी में डाल रखा था। इस पर कोरोना संक्रमण का खतरा और लॉकडाउन की सख्ती ने इनकी एक नहीं कई मामलों में परेशानी बढ़ा दी। न कामकाज की कोई गुंजाइश और ना ही आर्थिक सहयोग की संभावना। जन वितरण प्रणाली से कार्ड पर इस बार राशन भी मिलेगा या नहीं, इसे लेकर भी निश्चितता की स्थिति नहीं थी। इन तमाम बातों से ये यह सोचकर परेशान रहने लगी थी कि ऐसे में इनके भरण-पोषण की समस्या कैसे दूर होगी। लेकिन इस अहम समस्या से जुड़े सवाल के जवाब के लिए इन्हें ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। केंद्र सरकार द्वारा ऐसे लोगों की जरूरतों की पूर्ति के लिए फौरी तौर पर शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ने त्वरित सहायता के साथ इनकी परेशानी का जवाब इनके पास ले आया। इन्हें जन वितरण प्रणाली की दुकान से 40 किलोग्राम अनाज मिला। इस सहायता से इनके परिवार के समक्ष आई भोजन की समस्या दूर हो गई। प्रधानमंत्री जी को इस अहम सहयोग के लिए इन्होंने धन्यवाद कहा है।

 

लखीसराय जिले के संग्रामपुर पंचायत की रहने वाली रूबी देवी भी जरूरतमंद लाभार्थियों में शामिल है, जिनकी आवश्यकता की पूर्ति प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई है। इनके जनधन खाते में ₹500 की आर्थिक सहायता केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई है। इसके अलावा उज्ज्वला योजना गैस कनेक्शन के तहत सिलेंडर की खरीद के लिए ₹840 की अतिरिक्त आर्थिक सहायता भी उनके बैंक खाते में भेजी गई है। इस सहयोग से उत्साहित रूबी देवी ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा है कि जब सरकार का है साथ, तो हम फिक्र की क्यों करें बात। हम सब संकट के समय में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं। कोरोना संकट काल में केंद्र सरकार का प्रयास है कि जरूरत की कमोबेश ही सही, पर इसकी पूर्ति सबको होनी चाहिए।कोई भी जरूरतमंद इसके लाभ से वंचित नहीं रह जाए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के कार्यान्वयन के दौरान इस बात का खास ख्याल रखा जा रहा है। इसका फायदा यह हो रहा है कि बिहार में सभी क्षेत्र और सभी वर्ग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। भागलपुर के जब्बारचक की रहने वाली आयशा नाज उस वक्त काफी खुश हुई जब उन्हें जानकारी मिली कि केंद्र सरकार की ओर से उनके जनधन खाते में ₹500 जमा कराए गए हैं। इन्होंने इस विषम परिस्थिति में केंद्र सरकार के सहयोग को अहम बताते हुए इसके लिए विशेष तौर पर प्रधानमंत्री के प्रति शुक्रिया अदा किया है