भारत में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रॉन से संक्रमण का पहला मामला 2 दिसंबर को आया था। लेकिन केवल 19 दिन में ही इसकी चपेट में आने वालों की संख्या 200 तक पहुंच गई है। इसके विपरीत कोरोना वायरस से संक्रमण के 200 मामले मिलने में 60 दिन लगे थे। इस लिहाज से ओमिक्रॉन के फैलने की दर मूल वायरस के मुकाबले 318 फीसदी ज्यादा है।
ओमिक्रॉन ने इस दौरान जहां प्रतिदिन औसतन 10.5 लोगों को संक्रमित किया, वहीं शुरू के दो महीने के दौरान मूल वायरस से प्रतिदिन केवल 3.3 लोग संक्रमित हुए थे। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला वर्ष 2020 में 30 जनवरी को दर्ज किया गया था। इसके बाद 1 अप्रैल, 2020 को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 200 हो गई। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। जिसके बाद से यह लगभग 100 देशों में फैल चुका है। यही वजह है कि भारत में इसके तेज प्रसार को देखते हुए तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।
देश के 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में ओमिक्रॉन अपना पांव जमा चुका है। अब तक इससे संक्रमित होने वाली की संख्या 236 पहुंच गई हैं जिसमें से 106 लोग ठीक भी हो चुके हैं। महाराष्ट्र में नए वेरिएंट के सर्वाधिक 65 मामले मिले हैं। जबकि ओमिक्रॉन के 64 केस के साथ दिल्ली दूसरे नंबर पर आ गई है। तेलंगाना में 24, कर्नाटक में 19, राजस्थान में 21 और केरल में 15 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
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