GST कॉउन्सिल की 48वीं बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, वित्त मंत्री ने दी कई राहत

जीएसटी परिषद की 48वीं बैठक शनिवार को हुई, जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने वर्चुअल माध्यम से बैठक की अध्यक्षता की और बजट से पहले व्यापारियों और आम लोगों को बड़ी राहत दी.

जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर सहमति जताई. इसके साथ ही काउंसिल ने अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने और नकली चालान के लिए एक करोड़ रुपये की सीमा बरकरार रखने का फैसला किया.

15 मुद्दों में से 8 पर ही फैसला कर सकी काउंसिल

जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि समय की कमी की वजह से जीएसटी काउंसिल ने एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी.

बैठक के दौरान पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया. उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी.

कोई नया कर नहीं लाया गया: निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जीएसटी काउंसिल की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है. इसके अलावा बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई. जीएसटी परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेम पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट पर चर्चा नहीं हो पाई है, लेकिन केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रमुख विवेक जौहरी ने कहा कि किसी ऑनलाइन गेम में खिलाड़ी की तरफ से दांव पर लगाई गई रकम पर ही 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने की राय विभाग की है.

दालों के छिलके पर जीएसटी हटा

जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक में दालों के छिलके पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया गया. बता दें कि अभी तक दालों के छिलके पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया है. इसके साथही जीएसटी काउंसिल ने स्पष्ट किया कि कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन पर केंद्र सरकार द्वारा बैंकों को दिया जाने वाला प्रोत्साहन एक तरह की सब्सिडी है और इसलिए जीएसटी के तहत कर योग्य नहीं है.

GST काउंसिल ने तय की SUV की परिभाषा

जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने एसयूवी के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने बताया कि 22 प्रतिशत कंपनसेशन सेस (Compensation Cess) लगाने के लिए स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (SUV) की परिभाषा तय की गई है. 22 प्रतिशत के कंपनसेशन सेस की उच्च दर सभी चार शर्तों को पूरा करने वाले मोटर वाहन पर लागू होती है, जिसे आम बोलचाल में एसयूवी कहा जाता है. इसमें इंजन की क्षमता 1500 सीसी से अधिक होना, लंबाई 4000 मिमी से अधिक होना और 170 मिमी या अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस शामिल है.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘यह स्पष्टीकरण कोई नया कर नहीं है. इसके जरिए सिर्फ एसयूवी श्रेणी पर लगने वाले कर को परिभाषित किया गया है.’ निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमयूवी पर चर्चा तब शुरू हुई जब कुछ राज्यों ने पूछा कि क्या सेडान को एसयूवी श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए. राज्यों ने एमयूवी की परिभाषा लाने का भी सुझाव दिया.

3 तरह की गड़बड़ियां अपराध श्रेणी से बाहर

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बैठक के बाद बताया कि काउंसिल ने जीएसटी के तहत 3 तरह की गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला किया है. इसमें किसी भी अधिकारी के काम में बाधा डालना, सबूतों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ और जानकारी देने में विफल रहना शामिल है. आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध को छोड़कर अन्य मामलों में जीएसटी के तहत अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही कंपाउंडिंग राशि को भी घटाकर 25 से 100 प्रतिशत कर दिया गया है. यह राशि इस समय 50 से 150 प्रतिशत है.