बिहार में सोमवार की शाम भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, सोमवार रात्रि नालंदा, बिहार के निकट रिक्टर पैमाने पर 3.5 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप का केंद्र  नालंदा, बिहार से 20 किलोमीटर उत्तरपश्चिम (NW) में था। भूकंप भारतीय समयानुसार 9:23 PM बजे सतह से 5 किलोमीटर की गहराई में आया।

कैसे आता है भूकंप

पृथ्वी की बाहरी परत में अचानक हलचल होती है जिससे उत्पन्न ऊर्जा इसका कारण होता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर भूकंप की तरंगें पैदा करती है। ये तरंगे धरती को हिलाकर प्रकट होती है।

क्यों आता है भूकंप

भूकंप आने के दो कारण होते हैं-प्राकृतिक या मानवजनित। ज्यादातर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। ये मुख्य दोष भारी मात्रा में गैस प्रवास, ज्वालामुखी, पृथ्वी के भीतर गहरी मीथेन, भूस्खलन अथवा नाभिकीय परिक्षण हैं।

ऎसे मापें भूकंप के झटके

भूकंप को सीस्मोग्राफ से मापा जाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है अथवा संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 रिक्टर कीतीव्रता से आने वाला भूकंपसामान्य होता है जबकि 7 रिक्टर से आने वाला भूकंक गंभीर क्षति पहुंचाने वाला होता है।

भूकंप आने पर होने वाले प्रभाव

भूकंप आने से जान-माल की हानि समेत कई रोग आदि होते हैं। ईमारतें, बांध, पुल आदि पृथ्वी के नाभिकीय ऊर्जा केंद्र को नुकसान पहुंचाते हैं। भूकंप से भूस्खलन व हिम स्खलन होता है, जिनसे पर्वतीय क्षेत्रों में क्षति होती है। इसके अलावा बिजली के तार टूटने से आग लग सकती है वहीं भूकंप से समुद्र के भीतर सुनामी आ सकती है। भूकंप से बांध टूटने पर बाढ़ आ सकती है।