मध्य प्रदेश में करीब एक महीने बाद शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट का गठन किया गया. बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, मीना सिंह और कमल पटेल मंत्री बनाए गए हैं और साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने भी मंत्री पद की शपथ ली. वहीं, छोटा मंत्रिमंडल होने की वजह से कई बीजेपी के वरिष्ठ नेता पहले चरण की कैबिनेट में जगह नहीं पा सके.
कई दिग्गजों को इस बार कैबिनेट में नहीं मिली जगह
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेताओं को इस बार कैबिनेट के पहले विस्तार में शामिल नहीं किया है. इनमें विधायक गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, गौरीशंकर बिसेन, विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र शुक्ला और रामपाल सिंह जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं. ऐसे ही कांग्रेस से बीजेपी में आए बिसाहूलाल सिंह, महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को भी फिलहाल प्रतीक्षा में डाल दिया है
गौरीशंकर बिसेन को नहीं मिली जगह
गौरीशंकर बिसेन मध्य प्रदेश में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं. लोकसभा सदस्य से लेकर कई बार विधायक चुने जा चुके हैं. प्रदेश में 2008 से लेकर 2013 तक में शिवराज कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री रहे, लेकिन इस बार उन्हें जगह नहीं मिल सकी है. वहीं, शिवराज सिंह की पिछली सरकार में गृह और परिवहन जैसे भारी भरकम मंत्रालय की जिम्मेजदारी संभालने वाले भूपेंद्र सिंह को भी पहले चरण की कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
मंत्रिमंडल में अभी भी 29 जगह
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या के लिहाज से मंत्रिमंडल में अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 35 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. शिवराज सिंह चौहान ने फिलहाल 5 लोगों को जगह दी है और उन्हें मिलाकर छह लोग ही होते हैं. मंत्रिमंडल में अभी भी 29 जगह हैं, माना जा रहा है कि बाद में बीजेपी के दिग्गज नेताओं को जगह दी सकती है. इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले कुछ नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
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