कभी आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के विश्वासपात्र रहे पूर्व सांसद रंजन यादव शनिवार को पुन: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गए। 70 वर्षीय रंजन यादव आरजेडी से राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। वहीं लालू से अलग होकर रंजन ने 2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे राजद सुप्रीमो को हरा दिया था। इसके बाद वर्ष 2009 से 2014 के दौरान पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से जेडीयू सांसद रहे हैं। हालांकि रंजन यादव ये कहते रहे हैं कि आरजेडी शासनकाल के दौरान बिहार में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। उन्होंने लालू यादव पर आरोप लगाते हुए कहा हैं कि लालू अपने सामाजिक न्याय के नारे को लेकर कभी भी संजीदा नहीं रहे और वे हमेशा केवल अपने परिवार की खुशहाली के लिए लगे रहे।
गौरतलब है कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव के यादव समुदाय के निर्विरोध नेता होने के दावे पर प्रहार करते हुए रंजन ने कहा था कि वर्ष 2009 के चुनाव में इस समुदाय के पांच लाख मतदाताओं वाले पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उन्हें हार का मुंह क्यों देखना पडा और वर्ष 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पत्नी और पूर्व मंत्री राबडी देवी क्यों हार गयी थीं।
वहीं लालू के हिंदुओं के ‘बीफ’ खाने को लेकर की गई टिप्पणी पर रंजन ने कहा था कि उनकी बातों को मनोरंजन के सिवा लोगों ने कभी भी संजीदगी के साथ नहीं लिया।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कोरोना प्रोटोकाल की वजह से रंजन यादव को वर्चुअल मोड के माध्यम से पार्टी में शामिल कराया। ललन ने कहा कि पूर्व सांसद रंजन यादव के जदयू में शामिल होने से पार्टी को और मजबूती मिलेगी।
रंजन की घर वापसी का मामला हैः ललन सिंह
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने घर वापसी करने पर पूर्व सांसद रंजन यादव और उनके समर्थकों का पार्टी में स्वागत किया। राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि रंजन प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में अपनी आस्था व्यक्त कर घर वापसी की है। इसके लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि रंजन यादव के लिए जदयू कोई नई जगह नहीं है, बल्कि यह उनका पुराना घर है। उनकी घर वापसी से संगठन और पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आस्था व्यक्त करते हुए जदयू में शामिल होने का फैसला किया है।
जदयू नेता ने कहा कि हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जननायक कर्पूरी ठाकुर के सपनों को पूरा करने में दिन-रात लगे हैं। उन्होंने बिहार के पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज को एक सूत्र में बांधने का काम किया है। बिहार की सेवा करना ही बिहार के मुख्यमंत्री का एकमात्र धर्म है और इसी का नतीजा है कि आज बिहार विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
गौरतलब है कि वर्ष 1990 में रंजन यादव राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। वर्ष 1996 में वह दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए। लालू प्रसाद यादव के राजद में उनकी हैसियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजद की स्थापना के समय से 2001 तक वह राजद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे। इस दौरान वह राज्यसभा में राजद के नेता भी रहे। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में रंजन यादव ने जदयू प्रत्याशी के रूप में पाटलिपुत्र लोकसभा से चुनाव लडा था और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चुनाव में पटकनी भी दी थी।
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