बिहारवासियों को मिलेगा अतिक्रमण मुक्त बिहार। सड़को पर होने वाले भयंकर जामों से क्या मिलेगा निजात?

पटना: सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार बुलडोजर चलाएगी। यह अभियान एक अप्रैल से चलेगा। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में किया घोषणा।

राजस्व एवम् भूमि सुधार मंत्री राम सूरत अपने विभाग के बजट पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। मंत्री ने कहा कि सरकार जमीन से जुड़े विवादों को प्राथमिकता के स्तर पर निबटा रही है। आनलाइन से जुड़ी सेवाओं को आनलाइन किया गया है। इसके सार्थक नतीजे आ रहे हैं। सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बुलडोजर पर होने वाले खर्च के मद में जिलों को 10-10 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। सदन ने ध्वनिमत से विभाग का बजट पारित कर दिया। यह एक हजार तीन सौ 32 करोड़ रुपये से अधिक का है।



उन्होंने कहा कि अभियान के तहत गैर-मजरूआ आम और खास, खासमहाल, कैसरे हिंद और विभिन्न सरकारी विभागों की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। पटना हाई कोर्ट के आदेश के मद्देनजर जल निकायों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुस्त और भ्रष्ट सेवकों के खिलाफ आनुशासनिक कार्रवाई भी हो रही है। इस साल एक अप्रैल से अपने आप आनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत जमीन की खरीद के साथ अपने आप उसका दाखिल-खारिज हो जा रहा है। अभी यह लाभ उन्हीं को मिल रहा है, जिनके नाम से जमाबंदी कायम है।

बिहार की राजधानी पटना के मेन रोड से लेकर गली तक लगभग अतिक्रमण का शिकार हैं। सड़को पर मिलने वाला जाम का एक बड़ा कारण सड़को का अतिक्रमण ही है। सरकार के इस कदम के बाद देखना होगा की क्या बिहार वासियों को इन समस्याओं से निजात मिल पाता है या नही?

दूसरी बात यह है कि सड़क के अतिक्रमण का कारण सड़क किनारे फुटकर दुकानदार हैं। अधिक फुटकर दुकानदार बड़ी मुश्किल से इस रोजगार के द्वारा अपने परिवार का पालन पोषण कर पाते है। ऐसे में यह देखने भी दिलचस्प होने वाला है कि क्या इनके लिए राज्य सरकार किसी नए जगह की व्यवस्था करेगी जिससे यह अपना सामान वहां आसानी से बेच पाए। क्योंकि अतिक्रमण बिहार की एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। अतिक्रमण से बिहार को कई तरह की हानियां भी हैं। जब तक बिहार पुलिस सतर्क रहेगी ये दुकाने हटे रहेंगे जैसे ही सरकार सुस्त होगी फिर वही सिलसिला चालू हो जाएगा। इसलिए सरकार को इस समस्या का अंतिम इलाज तलाशना बेहद जरूरी है।