पप्पू यादव पर होगी कार्रवाई, निर्दलीय नामांकन के बाद पप्पू यादव को मिल गया चुनाव चिह्न

कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. इसको लेकर महागठबंधन में अभी भी राजनीति जारी है. वहीं, चुनाव आयोग ने पप्पू यादव को सिंबल आवंटन कर दिया है. पप्पू यादव को ‘कैंची’ सिंबल मिला है. इसकी जानकारी उन्होंने सोमवार को ‘एक्स’ पर दी है. उन्होंने लिखा कि ‘चलेगी कैंची नफरत को काटेंगे, मोहब्बत जीतेगा।

कांग्रेस के लिए अपनी जान दे देने और राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का दावा करने वाले पप्पू यादव पर बडा एक्शन लेने की तैयारी पूरी हो गयी है। उन्हें आज तक की डेडलाइन दी गयी थी, लेकिन पप्पू यादव नहीं माने। चर्चा यह है कि उन्हें ऊपर से कॉल भी आया था। फिर भी उन्होंने बात नहीं मानी तो कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गयी है।

पप्पू यादव को सोमवार तक का समय दिया गया था। दरअसल पप्पू यादव ने पूर्णिया संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया है। पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र में नाम वापस लेने की आखिरी तिथि 8 अप्रैल थी। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि ऊपर से पप्पू को फोन करके कहा गया था कि वे नाम वापस ले लें। लेकिन पप्पू यादव ने बात नहीं मानी।

पप्पू यादव के चुनाव मैदान में डटे रहने से महागठबंधन के वोट में बिखराव तय है। पप्पू यादव राजद की उम्मीदवार बीमा भारती का ही वोट काटेगी। कांग्रेस के एक वरीय नेता ने बताया कि आलाकमान को यह कतई मंजूर नहीं है कि कोई भी व्यक्ति राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम ले और इंडिया गठबंधन को कमजोर करे। ऐसे में पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई होनी तय मानी जा रही है। कांग्रेस की ओर से आधिकारिक बयान जारी कर पप्पू यादव से पल्ला झाड़ा जायेगा।

वैसे प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के प्रमुख राजेश राठौड़ ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि पप्पू यादव कांग्रेस के प्राथमिक सदस्य भी नहीं हैं। उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। भले ही पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में करने का एलान कर दिया था लेकिन तकनीकी तौर पर कांग्रेस की सदस्यता उन्होंने ग्रहण नहीं की है। जो व्यक्ति पार्टी का सदस्य ही नहीं है, उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे की जायेगी।

वहीं, पप्पू यादव के नामांकन के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि पार्टी के बाहर नामांकन दर्ज करने की इजाजत किसी को नहीं है. औरंगाबाद सीट गठबंधन के तहत चली गई. वहां से निखिल कुमार की उम्मीदवारी थी, तो उन्होंने तो नामांकन नहीं भरा. इस बयान के बाद पप्पू यादव के खिलाफ कार्रवाई की बात होने लगी थी, लेकिन पप्पू यादव ने स्पष्ट कर दिया कि नामांकन वापस नहीं लेंगे