बिहार में कुछ बड़ा सियासी खेल होने वाला है। इसका संकेत बीते कई समय से आरजेडी के प्रवक्ताओं और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के तरफ से दिया जा रहा था।अब ऐसा लगता है जैसे इस खेल की शुरुआत हो चुकी है। बिहार में बुधवार को जो सियासी खेल देखने को मिला है इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि अभी और भी बहुत कुछ हो सकता है।
बिहार आरजेडी एक बार फिर बड़ी पार्टी हो गई। लालू के लाल ने असदुद्दीन ओवैसी के साथ खेला कर दिया। AIMIM के चार विधायक लालू यादव की पार्टी के साथ हो गए। आरजेडी के विधायकों की संख्या अब 80 हो गई। इसके साथ ही महागठबंधन के विधायकों की संख्या बढ़कर 116 हो गई। सिर्फ 6 विधायकों को मैनेज करना है और जादुई आंकड़ा 122 हासिल की जा सकती है। सत्ता के शिखर पर पहुंचने की राह से तेजस्वी यादव सिर्फ 6 विधायक दूर हैं। अगर उनके मैनेजरों ने ये कमाल कर दिया तो आज जो ओवैसी के साथ हुआ है वो किसी और के साथ भी हो सकता है। ये अपने आप में आश्चर्य की बात है कि किसी पार्टी की टूट हुई और विपक्षी पार्टी में विधायक शामिल हुए हों। आमतौर पर इस तरह के मामलों में सत्ता का सुख लेने की कोशिश होती है।
यदि तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी ने 6 और विधायकों को किसी अन्य पार्टी से तोड़ कर अपने में शामिल कर लिया तो बिहार का पूरा सियासी समीकरण एकदम से पलट जाएगा।6 विधयकों के साथ बहुमत प्राप्त कर आरजेडी एक बार फिर से बिहार की सत्ता पर काबिज हो सकती है।
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