तेजस्वी यादव समेत RJD कोटे के विभागों की होगी जांच…सरकार बनते ही एनडीए सरकार ने किया था ऐलान

बिहार में एनडीए की सरकार बनते ही सीएम और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बड़ा ऐलान किया था…डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की नाराजगी बीजेपी और जेडीयू नेताओं की खरीद फरोख्त से थी…इसके बाद ही आरजेडी के विभागों की जांच करने का ऐलान खुले मंच से किया था…

मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर सचिव ने जांच के लिए जारी किया पत्र

मुख्यमंत्री ने पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत महागठबंधन सरकार में आरजेडी कोटे से मंत्री रहे उनके करीबी मंत्रियों के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। नीतीश कुमार ने तेजस्वी के साथ ही रामानंद यादव और ललित यादव के विभागों में लिए गए फैसलों की जांच के आदेश दिए है। मंत्रिमंडल सचिवालय के अपर सचिव निशित वर्मा ने सीएम नीतीश के आदेश के बाद इस संबंध में पत्र जारी किया है।

पत्र के अनुसार महागठबंधन सरकार में तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे। इनके पास 4 विभाग स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास, ग्रामीण कार्य विभाग था। इसके अलावा लालू परिवार के करीबी रामानंद यादव के पास खान एवं भूतत्व और ललित यादव के पास PHED विभाग था। स्वास्थ्य, पथ निर्माण, नगर विकास एवं आवास, ग्रामीण कार्य विभाग, खान एवं भूतत्व और PHED विभाग में 1 अप्रैल 2023 यानी वित्तीय वर्ष 2023-24 से लेकर महागठबंधन की सरकार तक के निर्णयों की जांच की जाएगी।

आरजेडी कोटे के मंत्रालय में हुआ है भ्रष्टाचार-सीएम

नीतीश कुमार ने आरजेडी का साथ छोड़ने का कारण आरजेडी कोटे के मंत्रालय में भ्रष्टाचार को बताया था। इसके बाद उस बात को जनता के बीच भी दुहरा रहे हैं कि भ्रष्टाचार की जांच करवाएंगे। विभागीय स्तर पर इसकी शुरुआत भी कर दी गई है। दिलचस्प यह है कि एक तरफ आरजेडी ने तेजस्वी यादव की जन विश्वास यात्रा का शिड्यूल जारी किया है। इधर, नीतीश सरकार ने विभागीय जांच की प्रक्रिया तेज कर दी।

आरजेडी कोटे के विभागों में पिछले एक साल के कार्यों की जांच होगी

आरजेडी कोटा के तीन यादव मंत्रियों पर पहली नजर का वार चलाने का संकेत नीतीश कुमार ने दिया है। तेजस्वी यादव, रामानंद यादव और ललित यादव के विभागों में पिछले एक साल के कार्यों की जांच होगी। बड़ी बात यह कि तीनों यादव जाति से आते हैं। नीतीश कुमार को मालूम है कि यादव वोट बैंक उनकी तरफ नहीं आने वाला। हालांकि बीजेपी ने बिहार में नंद किशोर यादव को बिहार विधान सभा का अध्यक्ष बनाकर यादवों में मैसेज देने की कोशिश की है।