उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण करने का राज्य सरकार का कदम इस शिक्षा प्रणाली को कम महत्व का बताने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है – जमायत उलमा-ए-हिंद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने मदरसा सर्वे के फैसले के प्रभावों का आकलन करने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. ताकि समस्या होने पर मदरसे इस पर संपर्क कर सकें और बता सकें.

जमायत उलमा-ए-हिंद ने ”हर कीमत पर” मदरसों का बचाव करने की बात करते हुए मंगलवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वेक्षण करने का राज्य सरकार का कदम इस शिक्षा प्रणाली को कम महत्व का बताने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश है. हम ऐसा नहीं होने देंगे. अगर सर्वे अच्छे के लिए और सही तरीके से हुआ तो हमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सर्वे अगर गलत मकसद से होगा तो वह हमें मंजूर नहीं और ऐसा किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने राज्य सरकार के फैसले के प्रभावों का आकलन करने के लिए मदरसा शिक्षकों की एक बैठक के बाद एक हेल्पलाइन नंबर की घोषणा की, ताकि किसी समस्या का सामना करने पर मदरसे इस पर संपर्क कर सकें. इसके अलावा उसने इन मामलों को देखने के लिए एक संचालन समिति का भी गठन किया है.

बुलाई गई थी बैठक

प्रमुख मुस्लिम सामाजिक-धार्मिक समूह जमीयत उलमा-ए- हिंद ने एक बयान में कहा कि देवबंद के दारुल उलूम, दारुल उलूम नदवातुल उलेमा, लखनऊ और मजाहिर उलूम, सहारनपुर जैसे प्रतिष्ठित मदरसों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस बैठक में भाग लिया. बैठक का मुद्दा ”मदरसों की हिफाजत करना” था. इस मुस्लिम संगठन ने कहा कि बैठक में राज्य सरकार की ”प्रतिगामी मानसिकता” पर चिंता जताई गई है, जो लोगों में भ्रम और भय पैदा करती है और समुदायों के बीच अविश्वास पैदा करती है.

क्या है मदरसे पर योगी सरकार का आदेश

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले दिनों प्रदेश भर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Madrassa) का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया था. सरकार का तर्क है कि इससे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था बेहतर होगी और मदरसों को यूपी मदरसा बोर्ड (UP Madrasa Board) से मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा. सर्वे में ये पता लगाया जाएगा कि मदरसों को कहां से कितना पैसा मिल रहा है और संचालक इसे किस तरह संचालित करते हैं. बच्चों को मदरसों में किस तरह की तालीम दी जा रही है. हर जनपद में कितने मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं. इसके लिए सभी जनपदों को डीएम को निर्देश दिया गया है. वहीं मदरसे से जुड़े लोग शुरू से इसका विरोध कर रहे हैं.